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बच्ची बोली- मम्मी पापा अलग रहते हैं, मुझे ही पता है कैसे सहन कर रही दर्द, सुनकर जज हुए भावुक

महिला ने पति पर घरेलू हिंसा का केस डाला हुआ है। दोनों अलग रह रहे हैं। हालांकि दोनों के एडवोकेट भी चाहते हैं कि उनके बीच समझौता हो जाए। मंगलवार जब कोर्ट में कोई बात नहीं बनी तो मामले को मिडिएशन सेंटर में रखने का आग्रह किया गया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 07:58 PM (IST)
बच्ची बोली- मम्मी पापा अलग रहते हैं, मुझे ही पता है कैसे सहन कर रही दर्द, सुनकर जज हुए भावुक
जज ने मां की ओर से बच्ची की कस्टडी के लिए लगाई गई अर्जी को खारिज कर दिया।

यमुनानगर[शैलजा त्यागी]। मुझे मम्मी और पापा दोनों ही बहुत प्यारे हैं। दोनों के बिना मैं नहीं रह सकती। जब दोनों एक साथ रहेंगे तभी अच्छा लगेगा। जबसे मम्मी पापा अलग रह रहे हैं, मुझे ही पता है कि मैं कैसे दर्द को सहन कर रही हूं। अंकल मेरे मम्मी पापा को समझाओ।

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यमुनानगर में आठ साल की बच्ची की यह दास्तां सुन जज भी भावुक हो गए। बच्ची अदालत में बार-बार रुंधे मन से यही कह रही थी। जज ने बच्ची से जो भी सवाल किए, उसने बड़ी समझदारी से जवाब दिए। सुनवाई करते हुए जज ने मां की ओर से बच्ची की कस्टडी के लिए लगाई गई अर्जी को खारिज कर दिया। दंपती को सुलह का एक मौका और दिया। 

ममता व प्यार होता तो नहीं आती यह नौबत

जज ने कहा कि नौ साल की बच्ची व पांच साल के बच्चे के मामले में मां-बाप के अलावा अन्य परिजनों में ममता व प्यार दिखाई नहीं दे रहा। अगर जरा सा भी होता तो आज यह नौबत नहीं आती। ढाई घंटें तक जज बच्ची के मां-बाप व दोनों परिवार के सदस्यों को समझाते रहे कि वह घर बसाए और बच्चों की अच्छी परवरिश करें। इस दौरान दोनों परिवार के सदस्य एक दूसरे की कमियां निकालते नजर आए। जज ने कहा कि ऐसा करने से छोटे बच्चों की जिंदगी खराब हो जाएगी। परिवार ही ऐसा होने से रोक सकते हैं।

मौसी की शादी में शामिल होने के लिए मांग थी कस्टडी

बच्ची की मां ने कोर्ट में अर्जी लगाकर कहा कि उसकी बहन की शादी है। पति से अलग होने के बाद वह पांच साल के बेटे के साथ रह रही है, जबकि आठ साल की बच्ची पिता के साथ रहती है। बच्ची भी शादी में शामिल हो, इसलिए उसे एक सप्ताह की कस्टडी दी जाए।

पति पर डाला हुआ है घरेलू हिंसा का केस

महिला ने पति पर घरेलू हिंसा का केस डाला हुआ है। दोनों अलग रह रहे हैं। हालांकि दोनों के एडवोकेट भी चाहते हैं कि उनके बीच समझौता हो जाए। मंगलवार जब कोर्ट में कोई बात नहीं बनी, तो मामले को मिडिएशन सेंटर में रखने का आग्रह किया गया। इसके लिए जज ने अप्रैल महीने की तारिख दी है।

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