Ganesh Chaturthi: एक लगन ऐसी भी, 34 सालों से इक्ट्ठे कर रहे गणपति स्वरूप, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
जींद के डा. विवेक सिंगला के पास 3106 गणपति का संग्रह है। खास बात यह है कि कोई भी गणेश एक-दूसरे से मिलता नहीं है। गणेश के इतने रूप इकट्ठे करने पर डा. विवेक का नाम 2006 में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज हो चुका है।
जींद(कर्मपाल गिल)। गणेशजी के आपने कितने स्वरूपों में देखा होगा। शिव-पार्वती के साथ या चूहे पर बैठे हुए। जींद के डा. विवेक सिंगला के पास 3106 गणपति का संग्रह है। खास बात यह है कि कोई भी गणेश एक-दूसरे से मिलता नहीं है। गणेश के इतने रूप इकट्ठे करने पर डा. विवेक का नाम 2006 में गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज हो चुका है।
मुंबई में गणेश विसर्जन को देख आया ख्याल
गणेश की मूर्तियों को संग्रह करने का किस्सा भी बड़ा रोचक है। वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. विवेक सिंगला बताते हैं कि 34 साल पहले मुंबई गया हुआ था। वहां गणेश विसर्जन के दौरान गणपति के कई रूप देखे थे। गणेश पर दिल आ गया और वहीं से मूर्तियां इकट्ठी करनी शुरू कर दी। इसके बाद तो जहां भी गया, गणेश की मूर्तियां ही ढूंढ़ता रहता। उनके पास अष्टधातु से लेकर, मार्बल पत्थर, लकड़ी, मिट्टी, पीओपी से लेकर हर तरह की मूर्तियां हैं। इन मूर्तियों को अपने क्लीनिक में अलग कमरे में सजा रखा है। कोई मूर्ति मार्च दो इंच की है तो कोई दो फीट की भी है।
खाट पर आराम करते हुए गणेश जी
देश के हर कोने से लाई गई मूर्तियां
कोई भी व्यक्ति पहली बार अलग-अलग तरह की इतनी मूर्तियों को एक साथ देखता है दांतों तले उंगली दबा लेता है। देश के हर कोने से मूर्तियां लाई गई हैं। डा. विवेक कहते हैं कि उनकी कोई भी यात्रा ऐसी नहीं रही, जब वह गणेश जी न लेकर आए हों। करीब 400 गणेश उन्होंने खुद भी बनाए हैं। अब गणेश के साथ उनका आंतरिक रिश्ता बन चुका है। मूर्तियां इकट्ठी करने का जुनून आखिरी सांस तक चलता रहेगा।
थाइलैंड से आए गणेश जी
विदेश से भी लेकर आए मूर्तियां
डा. विवेक सिंगला ने बताया कि जब भी वह विदेश यात्राओं पर गए तो वहां से भी गणेशजी की मूर्तियां लेकर अाए। उनके पास थाईलैंड, इटली, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, वियतनाम, फिलीपींस से आई मूर्तियां भी हैं। थाइलैंड से वह खुद गणेश के स्वरूप को लेकर आए थे, जबकि बाकी उनके पेशेंट ने गिफ्ट की हुई हैं। डा. विवेक बताते हैं कि गणपति की सबसे बड़ी प्रतिमा थाइलैंड की हैं, जिसकी ऊंचाई लगभग 150 फीट और लंबाई लगभग 550 फीट है। इस प्रतिमा को देखने के लिए थाइलैंड जा चुके हैं।
अष्टधातु से बने ढाई किलो के गणेश
माेबाइल चलाते और बुलेट पर सवार गणेश
गणेश जी को अभी तक हमने मूसक पर बैठे हुए देखा है। लेकिन डा. विवेक सिंगला के संग्रह में कोई गणेश मोबाइल चला रहा है तो कई बुलेट पर सवार है। दालों से बना गणेश ध्यान खींचता है तो साबुन से बना गणपति भी इतना ही सुंदर है। मरीज का इलाज करते हुए, झूला झूलते हुए, साइकिल चलाते हुए, सुपारी से बने हुए, किताब पढ़ कर सुनाते हुए, नाव में बैठे हुए, हुक्का पीते हुए, गरबा डांस करते हुए, भांगड़ा करते हुए, हारमोनियम बजाते हुए, नंदी पर व हाथी पर बैठे हुए गणेश देखकर मन गदगद हो जाता है। पंचमुखी गणेश, लालाजी की मुद्रा में, सूटकेस लेकर जाते, संजू फिल्म के गणेश, घुटनों के बल चलते हुए, खाट पर आराम करते हुए, पेड़ की जड़ से बना गणेश डा. विवेक के संग्रह की शोभा बढ़ा रहे है।