पानीपत का चुलकाना धाम, भक्त को श्रीकृष्ण ने दिया था अपना नाम
Janmashtami 2020 पानीपत का चुलकाना धाम आज भी भगवान श्रीकृष्ण का साक्षी है। यही वो धाम है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्त बर्बरीक को अपना नाम दिया था।
पानीपत, जेएनएन। Janmashtami 2020 आज जन्माष्टमी है। कोरोना की वजह से जरूर झांकियां नहीं सजीं। लोग कम ही बाहर निकलेंगे। ऐसे में आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जिनसे श्रीकृष्ण सीधे जुड़े हैं। ये है चुलकाना धाम। यहां उन्होंने अपने भक्त को न सिर्फ विकराल रूप दिखा धन्य किया, बल्कि उन्हें अपना नाम तक दिया। महाभारत का साक्षी रहा चुलकाना धाम आज भी कान्हा के नाम से जाना जाता है। खाटू श्याम जी महाराज। शीश के दानी बर्बरीक को ही खाटू श्याम जी महाराज के नाम से जाना जाता है। चुलकाना धाम स्थित श्याम मंदिर में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है। पूजा तो इस बार भी होगी पर सीमित लोग ही रहेंगे।
श्याम सेवक रोशन लाल बताते है कि कभी उनका गांव पठानों का होता था। उस समय एक महात्मा को श्याम बाबा ने दर्शन दे यहां पूजा पाठ की प्रेरणा दी थी। उस समय जंगल में महात्मा ने चुने का एक छोटा सा मंदिर बनाया था। 1981 में ये मंदिर बनाया गया। उनके गांव का नाम चुलकाना चुनकट ऋषि के नाम पर रखा गया।
ये है कथा - इस तरह हारे का सहारा बने खाटू श्याम
घटोत्कच के पुत्र और भीम के पौत्र बर्बरीक ने कठिन तप से पराक्रम हासिल की थी। वह अपनी मां से अनुमति लेकर निकले थे। उनसे कहा था कि तुम हारे का सहारा बना। तब पांडवों का पलड़ा कमजोर था। जब तक बर्बरीक पहुंचे, तब तक पांडव मजबूत हो गए थे। पर बर्बरीक को तो हारे का सहारा बनना था। अगर वो कौरवों का साथ देते तो पांडव हार जाते। श्रीकृष्ण उनके सामने पहुंच गए। बर्बरीक की परीक्षा लेने के लिए उन्होंने पीपल के पत्तों में छेद करने के लिए कहा। एक पत्ता अपने पैर के नीचे दबा लिया। बर्बरीक ने एक ही बाण से सभी पत्तों में छेद कर दिया। श्रीकृष्ण ने कहा, एक पत्ता रह गया है। तब बर्बरीक ने कहा, अपना पैर हटाएं, क्योंकि बाण आपके पैर के नीचे पत्ते में छिद्र करके ही लौटेगा। उनका पराक्रम देखकर श्रीकृष्ण ने उनके शीश का दान मांग लिया। उनके इस बलिदान पर भगवान ने कहा, कलयुग में आपको हारे का सहारा कहा जाएगा। खाटू श्याम के नाम से आपकी पूजा होगी। आज भी श्याम बाबा मंदिर के आगे खड़े पेड़ इस बात के गवाह हैं। पत्तों में ग्रीष्म काल के दौरान झडऩे से पहले छिद्र हो जाते हैं।