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सरकार का चावल न लौटाने पर करनाल की मिल सील, 37 करोड़ का हेरफेर

सरकार का चावल न लौटाने पर करनाल की जय हनुमान राइस मिल और एसएसजी फूड को सील कर दिया गया है। 37 करोड़ के चावल सरकार को लौटाने थे। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने ये कार्रवाई की। राइस मिलर का आरोप है कि फ‍िजिकल वेरिफ‍िकेशन में स्‍टॉक पूरा मिला था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 08:32 PM (IST)
सरकार का चावल न लौटाने पर करनाल की मिल सील, 37 करोड़ का हेरफेर
घरौंडा के राइस मिल में कार्रवाई करने के लिए पहुंची अधिकारियों की टीम।

पानीपत/करनाल, जेएनएन। सरकार का चावल न लौटाने पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कैमला रोड स्थित जय हनुमान राइस मिल व एसएसजी फूड पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मिल को सील कर दिया है।

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डीएफएससी के मुताबिक, राइस मिल को करीब 37 करोड़ रुपए का राइस 15 अक्टूबर तक सरकार को वापिस करना था लेकिन मिल चावल वापिस नहीं करवा पाया। जिला उपायुक्त के निर्देश पर डीएफएससी ने कार्रवाई की।

राइस मिल मालिक का आरोप है कि डीएफएससी ने कुछ विरोधी राइस मिलर्स से मिलकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। सरकार व प्रशासन द्वारा करवाई गई फिजिकल वैरिफिकेशन में किसी तरह की कोई कमी नहीं पाई गई थी।

शुक्रवार को जिला उपायुक्त के निर्देश पर डीएफएससी निशांत राठी, ड्यूटी मजिस्‍ट्रेट दलेल सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ कैमला रोड स्थित जय हनुमान राइस मिल पहुंचे। डीएफएससी ने मिल में रखा सारा स्टॉक कब्जें में ले लिया और तीन फर्मो के गोदामों को सील कर दिया। विभागीय कार्रवाई के चलते राइस मिल में हड़कंप मचा रहा। निशांत राठी के मुताबिक, जय हनुमान राइस मिल में तीन यूनिट चल रही हैं। जिसमें जय हनुमान, जगशन व एसएसजी फूड के नाम शामिल है।

वर्ष 2019-20 में सरकार ने जय हनुमान राइस मिल व एसएसजी फूड को धान मिङ्क्षलग के लिए दिया गया था, लेकिन इन दोनों फर्मा ने सरकार का पूरा चावल वापिस नहीं दिया। चावल वापिस करने को लेकर डीएफएससी कार्यालय की तरफ से दोनों फर्मो को 17 बार रिमाइंडर दिए गए और कई बार मीटिंग भी की गई।

भारत सरकार ने भी दो बार टाइम पीरियड बढ़ाया लेकिन तब भी इन फर्मो ने पूरा चावल नहीं दिया। दोनों फर्मो की वजह से विभाग को लगभग 37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। डीएफएससी कार्यालय ने वीरवार को एफआईआर दर्ज करवाई थी। माल कब्जे में लिया गया है और मिल सील कर दी गई है।

फिजिकल वेरिफिकेशन में मिला था पूरा स्टॉक

राइस मिल मालिक गौरव कुमार ने डीएफएससी की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। गौरव कुमार का कहना है कि सरकार व फूड सप्लाई विभाग हरियाणा के आदेश पर दिसंबर 2019 से लेकर जुलाई 2020 तक तीन-चार बार सभी राइस मिलों में माल की फिजिकल वैरिफिकेशन करवाई गई। अंतिम फिजिकल वैरिफिकेशन में धान व चावल का स्टॉक पूरा पाया गया था।

पिता की मौत से सदमे में था, ऐसे में कैसे उठा सकता हूं चावल

गौरव के मुताबिक 23 जुलाई को उनके पिता को हार्ट अटैक हुआ और 3 अगस्त को मृत्यु हो गई। गौरव का आरोप है कि उसके पिता की मृत्यु के तुरंत बाद डीएफएससी ने उनके विरोधी राइस मिलर्स से मिलकर खाली लैटरहेड पर लिए गए उनके साइन के कागजात पर तीनों मिलों में से माल उठाने का अथॉरिटी लेटर बीती चार अगस्त को बनाया। इसके बाद पांच अगस्त को ट्रकों और ट्रैक्टर-ट्रालियों से माल उठा लिया। गौरव का कहना है कि तीन अगस्त की शाम तक वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में थे। ऐसे में चावल कैसे उठाते।

कार्रवाई नियमानुसार की गई है। अब राइस मिलर अपने बचाव में कुछ भी बोल सकता है। आगे भी यही विभागीय रुख रहेगा।

-निशांत राठी, डीएफएफसी करनाल


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