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Haryana Politics: गुरुद्वारे से निकाले जाने पर भड़के झींडा, चढ़ूनी पर फिर साधा निशाना

हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा पत्रकार वार्ता करने करनाल पहुंचे थे। जगदीश सिंह झींडा को गुरुद्वारा से निकाल दिया गया। उन्‍होंने चढ़ूनी को बताया झूठा लालची बेईमान। वहीं उन्‍होंने डेरे के बाबा पर भी की टिप्पणी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:38 PM (IST)
रियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा।

करनाल, जागरण संवाददाता। वीरवार को डेरा कार सेवा गुरुद्वारे के बाहर जमकर हंगामा हुआ। यह स्थिति गुरुद्वारे में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा की ओर से बुलाई गई पत्रकार वार्ता को लेकर हुई, जिसके आयोजन से पूर्व ही गुरुद्वारे के सेवादारों ने झींडा को जबरन बाहर निकाल दिया। इसके बाद झींडा ने गुरुद्वारे के बाहर खड़े रहकर पत्रकारों के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पर निशाना साधते हुए आरोप दोहराया कि वह झूठे, लालची और बेईमान व्यक्ति हैं। चढ़ूनी प्रदेश सरकार व आंदोलनकारियों के बीच पिछले दिनों करनाल में हुए समझौते के लाखों रुपये हड़पना चाहते हैं। इसे लेकर वह किसानों की एक कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कराएंगे।

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वीरवार सुबह दस बजे शहर के डेरा कार सेवा में हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने पत्रकार वार्ता बुलाई थी। इसके बाद वार्ता का समय दो घंटे आगे बढ़ा दिया गया। इसी बीच निर्धारित समय पर डेरा के सेवादारों ने गुरुद्वारे में पत्रकार वार्ता बुलाने का विरोध करते हुए झींडा व उनके समर्थकों को बाहर निकलने के लिए नहीं कहा। सेवादारों ने कहा कि झींडा आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ बोलते हैं। इसलिए उन्हें यहां पत्रकार वार्ता नहीं करने देंगे। झींडा नहीं माने तो जबरन उन्हें गुरुद्वारे से बाहर निकालकर मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। इसे लेकर गहरा रोष जताते हुए झींडा ने कहा कि यह गुरु का घर है और उन्हें यहां से निकालने का कोई हक नहीं है। उन्होंने डेरे के संत व सेवादारों पर अनुचित टिप्पणी भी की।

इसके बाद पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि गुरनाम चढ़ूनी संघर्षशील नेता है, इसीलिए उनसे जुड़े थे। लेकिन उनकी बड़ी खामी यह है कि वह झूठे, लालची और बेईमान व्यक्ति हैं। वह किसानों की लाशों पर राजनीति करना चाहते हैं। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। वह आंदोलनकारियों और शासन-प्रशासन के बीच समझौते का श्रेय लेना चाहते हैं लेकिन सच यह है कि समझौता चढ़ूनी ने नहीं, मैंने कराया था। झींडा ने कहा कि उन पर हमेशा राजनीतिक लाभ उठाने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन सच्चाई हमेशा सामने आई है और आती रहेगी। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन में वह पूरी तरह साथ हैं और 27 सितंबर के बंद को उनका पूरा समर्थन है। वह संयुक्त किसान मोर्चा के सेवक बनकर अपनी जिम्मेदारी निभाने को सदा तैयार हैं। चढ़ूनी के साथ उनका टकराव है, जो जारी रहेगा।

नहीं बोलने देंगे किसानों के खिलाफ

डेरा कार सेवा में हंगामे के दौरान गुरुद्वारे के सेवादार बिल्ला व अन्य ने आरोप लगाया कि झींडा किसानों के खिलाफ बोलते हैं। यह गुरु का घर हैं और यहां उन्हें ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। आंदोलन में वह बिलकुल सक्रिय नहीं रहे और अब श्रेय लेने आ गए हैं। सेवादारों ने किसान एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए। वहीं झींडा ने कहा कि उनके साथ ऐसा करना अनुचित है। गुरु के घर में आने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने रोष भरे स्वर में चुनौती देते हुए कहा कि गुरुद्वारे के बाबा को कह दो कि वह उनके यहां आकर दिखाएं। सेवादारों का आरोप है कि इस दौरान उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया।


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