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आइटीसी घोटालाः अंबाला में साइंस कारोबारियों की बढ़ीं धड़कनें, आबकारी विभाग ने शुरू की रिकवरी

अंबाला में आइटीसी घोटाले में साइंस कोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 18 फर्मों पर पहले मुकदमा दर्ज हो चुका है। साइंस कारोबारियों से टीम ने रिकवरी शुरू की। प्रदेश में 1100 कराड़ रुपये का पहले भी आइटीसी घोटाला सामने आ चुका है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 07:46 PM (IST)
आइटीसी घोटालाः अंबाला में साइंस कारोबारियों की बढ़ीं धड़कनें, आबकारी विभाग ने शुरू की रिकवरी
विभाग ने साइंस कारोबारी से करीब चालीस लाख रुपये की रिकवरी की है।

जागरण संवाददाता, अंबाला। अंबाला छावनी की साइंस मार्केट में गैरकानूनी ढंग से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने के मामले में कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पहले भी आबकारी एवं कराधान विभाग की टीम ने 18 फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और एक करोड़ रुपये से अधिक का आइटीसी बचा लिया था।

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वीरवार काे विभाग ने साइंस कारोबारी से करीब चालीस लाख रुपये की रिकवरी की है। यह पहला मामला नहीं है, जब गैरकानूनी ढंग से आइटीसी लिया गया। इससे पहले फर्जी फर्म बनाकर भी फर्जीवाड़ा किया गया। दैनिक जागरण इससे पहले प्रदेश में करीब 1100 करोड़ रुपये से अधिक का आइटीसी घोटाले का पर्दाफाश कर चुका हा है। अब कुछ साइंस कारोबारियों ने साइंस मार्केट को ही संदेह के घेरे में ला दिया है। सिर्फ इनपुट टैक्स क्रेडिट का खेल ही नहीं बिलों की अदायगी में खेल चल रहा है। इसको लेकर भी अधिकारियों के पास जानकारी पहुंच चुकी है और वह कभी भी फर्म पर फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा जा सकता है।

कैथल के रघुवीर ने गृह मंत्री को की थी शिकायत

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी), सी-फार्म, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी), रिफंड, वेल्यू एडिड टैक्स (वैट-जिसकी जांच लोकायुक्त ने करवाई) घोटाला, रोडसाइड संबंधित शिकायतें राज्य के गृह मंत्री कार्यालय से की गई थीं। कैथल के रघुवीर ने अक्टूबर 2020 से लेकर नवंबर 2020 तक ईमेल कर शिकायत भेजी थी। इन शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, जिस पर प्रार्थी ने राज्य जनसूचना अधिकारी गृह मंत्री कार्यालय में मार्च 2021 को आरटीआइ लगाई और शिकायतों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी।

पहले भी 1100 करोड़ का हुआ था जीएसटी घोटाला

प्रदेश में आइटीसी के नाम पर 1100 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला सामने आया थ, जिसमें 69 फर्जी फर्मे पाई गई थीं। बिना कारोबार हुए सी-फार्म जारी करने के मामले में भी मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें आबकारी एवं कराधान विभाग के कई अधिकारी लिप्त हैं। उधर, वीरवार को भी सेंट्रल टीम ने अंबाला कैंट में साइंस कारोबारियों पर छापे मारे और रिकार्ड खंगाला। अंबाला कैंट की ही दो फर्मों को चैक किया, जिन्होंने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया। एक फर्म से करीब चालीस लाख रुपये की रिकवरी भी की गई है।

अंबाला छावनी में फर्जी फर्म मिली

अंबाला कैंट में करीब नौ फर्में फर्जी पाई गई थीं, जिन्होंने गलत पतों पर फर्माें को खोला और फर्जीवाड़ा किया। मकान नंबर 162 ए रेल विहार कुलदीप नगर का पता देकर जीएसटी नंबर अलाट कराया और मैसर्ज प्रदीप नाम से फर्म बना दी गई। पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहित के मंडी गोबिंदगढ़ निवासी प्रदीप को यह पता ही नहीं लगा कि उसके दस्तावेजों पर फर्म बनाई और सात करोड़ 76 लाख 45 हजार 804 रुपये के खरीद बिल जारी किए। फर्म ने 11 करोड़ 54 लाख 8 हजार 307 रुपये के बिल जारी किए। फर्म ने 10,556 रुपये टैक्स भी जमा कराया। इसी तरह जून 2018 से जनवरी 2019 तक फर्म ने 12 करोड़ 53 लाख 25 हजार 252 के बिल हरियाणा व पंजाब में कारोबारियों को जारी किए और 2 करोड़ 1 लाख 41 हजार 770 रुपये का आइटीसी का लाभ ले लिया।

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