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International Yoga Day 2020: ब्रेन हेमरेज से दो साल रहे कोमा में, योग ने दिया नया जीवन

योग नया जीवन दे सकता है। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन ये सच है। ब्रेन हेमरेज की वजह से दो साल कोमा में रहे धर्मचंद अब बिल्‍कुल ठीक है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 12:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 12:37 PM (IST)
International Yoga Day 2020: ब्रेन हेमरेज से दो साल रहे कोमा में, योग ने दिया नया जीवन
International Yoga Day 2020: ब्रेन हेमरेज से दो साल रहे कोमा में, योग ने दिया नया जीवन

पानीपत/यमुनानगर, [पोपीन पंवार]। वर्ष 2013 में गोविंदपुरी के 53 वर्षीय धर्मचंद जोगी को ब्रेन हेमरेज हुआ। दो साल तक कोमा में रहे। याददाश्त चली गई। पैरालाइज भी हो गया। काफी इलाज करवाया, लेकिन आराम नहीं आया। डाक्टर ने सलाह दी कि वह योग व प्राणायाम का अभ्यास करें तो शायद कुछ बात बन सकती है। 

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पांच साल से वह लगातार योग व प्राणायाम कर रहे हैं। जिसके बाद अब पूरी तरह ठीक हैं। योग ने उनको नया जीवन दिया है। यदि योग नहीं करते, तो अब तक मर चुके होते। ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले धर्मचंद बताते हैं कि आठ साल पहले अचानक सिर में बहुत तेज दर्द हुआ। पहले तो घर पर रखी दवाई ली। आराम नहीं आने पर पत्नी देवी व अन्य स्वजन अस्पताल में ले गए। जांच में पता चला कि दिमाग की नस फट गई है। पीजीआइ रेफर कर दिया गया।

वहां पर किसी तरह दाखिल कराया गया। डाक्टर भी कहने लगे कि मरीज की घर ही सेवा करो। स्वजनों ने डाक्टरों से गुहार लगाई तो सीनियर डाक्टर ने उपचार के लिए कह दिया। ऑपरेशन फाइल पर हस्ताक्षर करवाते हुए डाक्टर ने स्वजनों को कह दिया था कि अब यह चारपाई से मुश्किल ही उठ पाएगा। दो साल कैसे गुजरे नहीं पता। स्वजनों का वह दौर बड़ा ही कठिन गुजरा। 

 

भूल जाते थे हर बात

लंबे साल बाद होश आया तो याददाश्त चली गई। यह भी याद नहीं रहता था कि सुबह खाने में क्या खाया। रिश्तेदार व स्वजनों तक को भूल गए थे। हर कोई पुरानी बात याद करवाता था। डाक्टर कपिल स्वजनों को योग व प्राणायाम का सुझाव दिया। हाथ पांव भी काम नहीं करते थे। दो लोगों के कंधों के सहारे चलाने का प्रयास किया जाता था। लेटे हुए बताए गए योग शुरू किए तो सुधार आने लगा। शुरुआत में तो काफी दिक्कत आई। लेकिन अभ्यास नियमित रखा। कुछ ही माह बाद हालत सामान्य हो गई। याददाश्त और शरीर फिट हो गया। 

मुझे योगों के नाम नहीं, फायदे का पता है 

जोगी बताते हैं कि सुबह साढ़े चार बजे योग के लिए घर के पास ही पार्क में आ जाते हैं। एक दो योग व आसनों के नाम ही पता है। बाकी के नाम भी नहीं मालूम है। मुझे तो सिर्फ योग से होने वाले फायदों के बारे में पता है। अब अच्छी नींद, भूख व शरीर पूरी तरह से फिट है। सुबह डेढ़ घंटा कैसे गुजर जाता हैं पता नहीं चलता। उनके साथी वीरेंद्र योग करवाने में मदद करते हैं। वह बताते है कि जोगी नियमित प्राणायाम, ध्यान, अनुलोम विलोम ङ्क्षसहासन, पद्मासन, सुखासन, बालासन, वृक्षासन व ताड़ासन करते हैं। 

योग हर बीमारी में फायदेमंद : डा. शिवकुमार

सिविल अस्पताल के योगाचार्य डाक्टर शिवकुमार का कहना है कि योग से दिमाग के हिप्पोकैम्पस एरिया विकसित और स्वस्थ्य होता है। इसका काम स्मरण शक्ति को बढ़ाने का है। वैसे तो योग हर बीमारी में फायदेमंद है। याददाश्त व पैरेलाइज के मरीजों को भी योग से आराम मिलता है। काफी मरीजों को योग से ठीक भी किया है।


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