अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आदिब्रदी से होगा आगाज, पिहोवा में 21 कुंडीय यज्ञ
हरियाणा के यमुनानगर में 14 से 16 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव मनाया जाएगा। 14 फरवरी को आदि बद्री से महोत्सव का शुभारंभ होगा। 15 फरवरी को यूनिवर्सिटी में अंततरराष्ट्रीय सेमिनार होगा। वहीं पिहोवा में 21 कुंडी यज्ञ होगा।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आगाज 14 फरवरी को यमुनानगर के आदिबद्री से किया जाएगा और सरस्वती तीर्थ पिहोवा में 16 को 21 कुंडीय यज्ञ में पूर्ण आहुति दी जाएगी। इसके शुरुआत में भी 21 कुंडीय यज्ञ किया जाएगा। महोत्सव की खास बात यह रहेगी कि आदि बद्री यमुनानगर से कैथल तक सरस्वती नदी के किनारे बसने वाले 100 गांवों में बसंत पंचमी पर भंडारे लगाए जाएंगे। इस बार कोविड-19 को जहन में रखकर अधिक से अधिक लोगों को महोत्सव के साथ ऑनलाइन जोडऩे का प्रयास किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव की तैयारियोंं की मंगलवार को लघु सचिवालय में रूपरेखा तैयार की गई। हरियाणा सरस्वती विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच बैठक में खुद पहुंचे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आदि बद्री और कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में सरस्वती नदी और तीर्थ की तस्वीर साफ नजर आनी चाहिए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सरस्वती शोध केंद्र के निदेशक डा. एआर चौधरी ने विश्वविद्यालय में 15 फरवरी को होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेमिनार में आने वाले सभी वक्ताओं से तालमेल कर लिया है। इस मौके पर एसडीएम अखिल पिलानी, एसडीएम सोनू राम, अंडर ट्रेनिंग आइएएस वैशाली ङ्क्षसह, सीटीएम निशा, एसई अरविंद कौशिक, सीएमजीजीए आशिमा टक्कर व ङ्क्षसचाई विभाग के एसई गुरविंद्र सिंह मौजूद रहे।
एक दिवसीय सेमिनार किया जाएगा
महोत्सव 14 से 16 फरवरी को मनाया जाएगा। 14 फरवरी को आदि बद्री में अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का विधिवत रूप से आगाज किया जाएगा। यहां 21 कुंडीय यज्ञ किया जाएगा। 15 फरवरी को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसमें अधिकतर वक्ता वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे और कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना की जाएगी।
16 फरवरी को महोत्सव के समापन अवसर पर पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर सुबह के समय 21 कुंडीय यज्ञ किया जाएगा। यज्ञ कराने वालों को एसडीएम पिहोवा सोनू राम से सहमति लेनी होगी। अब तक 21 लोगों ने अपनी सहमती ली है। लोगों की मांग पर कुंडों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
27 नक्षत्रों पर आधारित पौधे लगाएंगे
यज्ञ के बाद सरस्वती तीर्थ पर 27 नक्षत्रों पर आधारित पौधे लगाए जाएंगे। इसके बाद सरस्वती तीर्थ की परिक्रमा की जाएगी और सायं के समय भजन संध्या की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरस्वती महोत्सव के समापन समारोह पर सरस्वती तीर्थ के पावन तट पर महाआरती का आयोजन किया जाएगा।
डीसी ने दिए सफाई के आदेश
डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने सरस्वती तीर्थ स्थल के आसपास साफ-सफाई और घाटों की मरम्मत करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 10 फरवरी तक तीर्थ स्थल के आसपास सफाई व्यवस्था का कार्य पूरा किया जाना चाहिए। 13 फरवरी तक महोत्सव के सभी प्रबंध पूरे करने होंगे। इसके अलावा मंच सज्जा, तीर्थ पर लाइटिंग की व्यवस्था भी पूरी की जाएगी। एसडीएम पिहोवा को सभी तैयारियां पूरी कराने की जिम्मेदारी सौंपी है।