Move to Jagran APP

इंटरनेशनल फार्मा हब बनेगा करनाल, सुधरेगी सेहत, बढ़ेगा विदेशी निवेश

करनाल इंटरनेशल फार्मा हब बनने के साथ ही लोगों की जहां सेहत सुधरेगी वहीं विदेशी निवेश भी बढ़ेगा। सीआइआइ के को-चेयरमैन बीआर सीकरी ने विशेष वार्ता में दावा किया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 03:14 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 03:14 PM (IST)
इंटरनेशनल फार्मा हब बनेगा करनाल, सुधरेगी सेहत, बढ़ेगा विदेशी निवेश
इंटरनेशनल फार्मा हब बनेगा करनाल, सुधरेगी सेहत, बढ़ेगा विदेशी निवेश

पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। कोरोना की महाचुनौती से उबरने में जुटी सरकार के प्रयासों से अब फार्मा सेक्टर में करनाल को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की कवायद जोरों पर है। इसके लिए पड़ोसी जिले पानीपत को साथ लेकर क्षेत्र में बड़े फार्मा हब का ढांचा विकसित किया जाएगा ताकि विदेशी निवेशकों को लाया जा सके। इससे मरीजों के साथ दवा निर्माण उद्योग की सेहत सुधारने में कारगर मदद मिलेगी। कान्फिडिरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने इस बाबत जल्द ऑनलाइन इंटरनेशनल इनवेस्टर मीट आयोजित कराने का प्रस्ताव दिया है, जिससे 200 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों तक बात पहुंचाई जाएगी। खास पहलू यह है कि परिकल्पना साकार हुई तो भारत के कुल दवा कारोबार की करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हरियाणा के हिस्से में होगी।

loksabha election banner

यह दावा सीआइआइ के को-चेयरमैन और राज्य के प्रमुख दवा निर्माता बीआर सीकरी ने जागरण से वार्ता में किया। उन्होंने बताया कि, हरियाणा के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए करनाल में 225 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की योजना है तो यहां से महज 25 किलोमीटर दूर पानीपत में 1000 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्क विकसित करना प्रस्तावित है। हाल में आत्मनिर्भर भारत-मेड इन इंडिया-मेड फॉर वल्र्ड की दिशा में एक कदम-सीआइआइ फार्मास्कोप वेबिनार में परियोजनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें 15 शीर्ष कंपनियों के करीब 325 प्रतिनिधियों ने देश को वैश्विक फार्मास्युटिकल्स लीडर बनाने पर मंथन किया। 

परियोजनाओं को लेकर निवेशकों में खासा उत्साह

सीकरी ने बताया कि परियोजनाओं को लेकर निवेशकों में खासा उत्साह है क्योंकि हरियाणा में औद्योगिक प्रोत्साहन पर फोकस है। इज ऑफ डूूइंग में हरियाणा देश में तीसरे और उत्तर भारत में पहले स्थान पर है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में चौथा स्थान है तो केपिटा इनकम में राज्य अग्रणी है। नियामक संस्थाएं यूजर फ्रेंडली हैं। हालांकि, देखना होगा कि हरियाणा निवेशकों को जमीन, बिजली, पानी में क्या रेट ऑफर करेगा। हरियाणा बिजली उत्पादन में सरप्लस है लेकिन, यहां थर्मल प्लांट से उत्पादन के चलते बिजली दरें थोड़ी महंगी हैं जबकि, हिमाचल पर्याप्त हाइड्रो पॉवर के कारण कम रेट पर बिजली दे रहा है।

ऑनलाइन इंटरनेशनल इनवेस्टर मीट कराने का प्रस्ताव

सीकरी ने बताया कि, चीन से कारोबार समेट रहे निवेशकों को आकृषित करने के लिए उन्होंने जल्द ऑनलाइन इंटरनेशनल इनवेस्टर मीट कराने का प्रस्ताव दिया है। आज दुनिया के 211 देशों में 206 भारत से दवाएं खरीद रहे हैं। बल्क ड्रग्स के निर्यात में इन देशों से बेहतर रिस्पांस मिलेगा। सरकार केमिकल दवाओं के निर्माण पर दस प्रतिशत इंसेटिव दे रही है। हरियाणा के हिस्से में ये प्रोजेक्ट आने पर देश के कुल दवा कारोबार की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य में होगी। 

अधिसूचना अगले माह 

हरियाणा फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान आरएल शर्मा ने बताया कि ये प्रोजेक्ट राज्य में आने की पूर्ण संभावना है। यहां रेल व सड़क यातायात के साथ बेहतर एयर कनेक्टिविटी है। 15 नेशनल हाईवे हैं। इज ऑफ डुइंग को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। शानदार इन्फ्रास्ट्रक्चर है और उद्यमियों में उत्साह है। अगले महीने प्रोजेक्ट की अधिसूचना के बाद हरियाणा मजबूती से प्रस्ताव रखेगा, जिसे मंजूरी मिली तो राज्य में फार्मा सेक्टर को नई गति मिलेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.