Geeta Mahotsav 2021: कोरोना महामारी में सुकून देने वाली खबर, 14 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव
कोरोना महामारी में राहत भरी खबर आई है। महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया जाएगा। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अनुसार 14 दिसंबर को गीता जयंती महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव में कोरोना गाइडलाइन का विशेष ख्याल रखा जाएगा।
कुरुक्षेत्र, [जगमहेंद्र सरोहा]। गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 14 दिसंबर को मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए फिलहाल महोत्सव में विद्यार्थियों की गतिविधियों को टालने की तैयारी है। क्राफ्ट मेला सहित महाआरती व अन्य आयोजन किए जाएंगे। हालांकि फिलहाल इसे बड़े स्तर पर मनाने या अन्य किसी तरह का फैसला नहीं लिया है। सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड अक्टूबर के मध्य तक कोरोना की स्थिति का इंतजार करेगी।
गीता मनीषी गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, डीसी मुकुल कुमार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने इसको लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का प्रतीकात्मक कैलेंडर भेेंट किया।
कोरोना गाइडलाइन की पालना की जाएगी
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के आयोजन में सबसे पहले कोरोना की स्थिति पर चर्चा की गई। जानकारों ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर संभावित है। इसकी स्थिति अगले महीने स्पष्ट भी हो जाएगी। इसके बाद ही बड़े स्तर पर आयोजन का फैसला लिया जाएगा। फिलहाल विद्यार्थियों से संबंधित कार्यक्रम नहीं कराने पर फैसला लिया है। इसमें मुख्यत: 18 हजार विद्यार्थियों की पेंटिंग प्रतियोगिता होती थी। इसके अलावा गीता श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता कराई जाती थी।
महोत्सव सेे पहले क्राफ्ट मेला
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पवित्र ब्रह्मसरोवर पर क्राफ्ट मेला भी लगाता है। इसमें प्रदेश व देशभर से क्राफ्ट पहुंचते हैं। मेले में आने वाले लोग इनको काफी पसंद करते हैं। पिछली बार कोरोना के चलते क्राफ्ट मेला नहीं लगाया जा सका था। इस बार क्राफ्ट मेला लगेगा। यह पांच दिन पहले शुरू होगा।
इसलिए मनाते महोत्सव
जानकारों की मानें तो दुनिया में किसी भी पवित्र ग्रंथ का जन्मदिन नहीं मनाया जाता है, लेकिन श्रीमद्भागवत गीता की जयंती मनाई जाती है। इसके पीछे का कारण यह बताया गया है कि अन्य ग्रंथ इंसानों द्वारा संकलित किए गए हैं। गीता का जन्म स्वयं भगवान श्री कृष्ण के मुंह से हुआ है। श्रीकृष्ण भगवान ने ज्योतिसर में अर्जुन को निमित कर सृष्टि को गीता का संदेश दिया था। कुरुक्षेत्र स्थित पवित्र ब्रह्मसरोवर पर हर साल अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया जाता है।