प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई से दहशत में उद्योगपति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती से उद्योगों में दहशत है। बोर्ड की टीमें लगातार सर्वे कर रही है। 26 उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। पानी के दुरुपयोग करने के मामले को लेकर प्रशासन भी सख्त है। छापेमारी के भय से बहुत से उद्योग तो अब दिन में बंद रहने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती से उद्योगों में दहशत है। बोर्ड की टीमें लगातार सर्वे कर रही है। 26 उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। पानी के दुरुपयोग करने के मामले को लेकर प्रशासन भी सख्त है। छापेमारी के भय से बहुत से उद्योग तो अब दिन में बंद रहने लगे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वेस्ट जलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई कर रहा है। 17 उद्योगों को सात दिन का क्लोजर नोटिस दिया गया। उसके बाद इनको बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। काबड़ी रोड और बरसत रोड पर लगे उद्योगों में कंसेंट नहीं
बिना सीएलयू के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कंसेंट जारी नहीं कर रहा है। जिस उद्योग के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कंसेंट नहीं है वह केंद्रीय भूजल बोर्ड से एनओसी के लिए भी आवेदन नहीं कर सकता है। कंसेंट होने पर आवेदन किया जा सकता है। शहर की बाहरी कालोनियों सहित अनअप्रूव्ड एरिया में उद्योग लगे हैं। डीसी सुमेधा कटारिया ने भी कहा कि भू-जल का प्रयोग करने वाले उद्योगों की एनओसी लेनी होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सभी अधिकारी नए
पिछले कई वर्षों से सीट पर बैठे अधिकारियों का तबादला हो चुका है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पूरा स्टाफ नया है। जो त्वरित कार्रवाई कर रहा है। 15 दिनों में 37 से अधिक उद्योगों का निरीक्षण किया गया है। उद्यमियों का कहना है कि अब सभी कागजात पूरे करके ही उद्योग चलाने पड़ेंगे। नौ उद्योगों को प्रदूषण के मानक पूरे न होने पर सील किया जा चुका है। भूरे लाल के दौरे से और होगी सख्ती
एनसीआर ईपीसीए के चेयरमैन सेवानिवृत्त आइएएस भूरे लाल के पानीपत दौरे से और अधिक सख्त होगी। उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों की स्पष्ट निर्देश दिए है कि हर हाल में वायु प्रदूषण व जल की बर्बादी को रोकें। जल्द ही वे बिना बताए पानीपत का दौरा करेंगे। यदि यहां सुधार नजर नहीं आया तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई तय है।