भारत ओलिंपिक में खड़ा करेगा मेडलों का अंबार, खिलाड़ियों को मिलेगी हाई क्लास ट्रेनिंग, हरियाणा में तैयारी शुरू
अब भारत भी ओलिंपिक में मेडलों का अंबार खड़ा करेगा। हरियाणा में इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। पानीपत के जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिखा। प्रतिभावान खिलाड़ियों की सूची बनाकर कोचों से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
पानीपत, जागरण संवाददाता। अब टोक्यो ओलिंपिक से भी ज्यादा मेडल जीतने के लिए हरियाणा की तैयारी शुरू हो गई है। सीधे पौध यानी बचपन से ही प्रतिभावान खिलाड़ी को आगे बढ़ाया जाएगा। खेल विभाग ने शिक्षा विभाग के माध्यम से खेलो इंडिया में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का ब्योरा मांगा है। बताया जा रहा है कि खेल विभाग खिलाड़ियों को डाटा तैयार करेगा। इसके बाद खेल विभाग खिलाड़ियों की अच्छी ट्रेनिंग के लिए योजना तैयार करेगा।
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिख दिया है। उनको 27 जनवरी तक खिलाड़ियों का ब्योरा देने का आदेश किया गया है। पत्र के अनुसार एक जुलाई 20019 से 31 दिसंबर 2021 तक उनके स्कूल से किसी भी खेल के कितने खिलाड़ी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शिरकत कर चुके हैं, इसकी जानकारी दें। इस बारे में कोई कोताही न बरतें। खिलाड़ियों को का नाम, खेल संबंधित ब्यौरा शीघ्र भेजें। इस बारे में सहायक शिक्षा अधिकारी (खेल) कार्यकारी इंचार्ज महेंद्र सिंह ने बताया कि खिलाड़ियों को ब्यौरा तैयार करके खेल विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद प्रतिभवान खिलाड़ियों को सूची तैयार कर उन्हें अच्छे कोचों द्वारा ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।
खेल नर्सरी के लिए भी किया आवेदन
खेल विभाग स्कूलों में भी खेल नर्सरी खोलेगा। इसके लिए विभाग ने कोचों व राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके सीनियर खिलाड़ियों को आदेवन करने को कहा है। खिलाड़ियों ने आवेदन भी किया है। 100 मीटर दौड़ के कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के रिकार्डधारी प्रदीप मलिक और कोच का कोर्स कर चुके सीनियर एथलीट शहंशाह ने एथलेटिक्स की नर्सरी के लिए आवेदन किया है। प्रदीप मलिक पहले एमएएसडी में लड़कियों की एथलेटिक्स नर्सरी को चलाते थे। उनके द्वारा तैयार की गई कई खिलाड़ियों ने राज्य व राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक भी जीते हैं। जिला खेल अधिकारी प्रदीप पालीवाल ने बताया कि खेल नर्सरी चालू होने से खिलाड़ियों को बहुत फायदा होगा। खिलाड़ियों को अच्छी कोचिंग मिलेगी। वे राज्य व राष्ट्रीय स्त पर पदक भी जीतेंगे।