नए कानून से बैंकों पर बढ़ता एनपीए का दबाव होगा कम : गुप्ता
बैंकों पर बढ़ते एनपीए (नॉन परफोर¨मग एसेट) के दबाव को कम करने के लिए इन्सॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड विशेष काम कर रहा है। सीए दिनेश गुप्ता ने उक्त जानकारी दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा सेक्टर-25 में आयोजित सेमिनार में दी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : बैंकों पर बढ़ते एनपीए (नॉन परफोर¨मग एसेट) के दबाव को कम करने के लिए इन्सॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड विशेष काम कर रहा है। सीए दिनेश गुप्ता ने उक्त जानकारी दी इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा सेक्टर-25 में आयोजित सेमिनार में दी।
उन्होंने कहा कि बैंकों पर एनपीए का बहुत दबाव है। इन्सालवेंसी बैंकरप्सी कोड के तहत एनसीएलटी में याचिका दायर की जा सकती है। अब तक बैंकों ने लगभग तीन लाख करोड़ रुपये के डिफाल्टर के खिलाफ एनसीएलटी में आवेदन किया है। बहुत सी कंपनियों से अच्छी रिकवरी भी हो चुकी है। व्यापार उद्योग में देनदार यदि रकम नहीं दे रहा हो तो उसके खिलाफ भी एनसीएलटी में याचिका दायर की जा सकती है। याचिका मंजूर होने के बाद देनदार की कंपनी में इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल नियुक्त कर दिया जाता है। साथ ही कंपनी की नियंत्रण लेनदारों के हाथ में चला जाता है। इसके बाद कंपनी के सारे ऋण समाधान की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ऋण का समाधान न होने की स्थिति में कंपनी का लिक्विडेशन कर दिया जाता है। कंपनी की सभी संपत्ति बेचकर ऋणों का भुगतान कर दिया जाता है।
कानून से मिलेगी व्यापारियों को राहत
उन्होंने बताया कि इस कानून से उन व्यापारियों को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना माल बड़ी कंपनियों को बेचा था और वे कंपनियां पैसे चुकाने में आना कानी करती हैं।
घर का सपना पूरा होगा
जिन लोगों ने फ्लैट बुक करवाया है और रियल इस्टेट कंपनियां इसका कब्जा नहीं दे रही हैं तो बुक करने वाला व्यक्ति बिल्डर के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर कर सकता है। इस कानून से उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी जमा पूंजी लगाकर फ्लैट बुक किया था और वर्षो के इंतजार के बाद भी उनका अपने घर में रहने का सपना पूरा नहीं हो रहा है।
इस मौके पर सीए विशाल मल्होत्रा, सीए अतुल चोपड़ा, मुकेश मित्तल, विनोद गुप्ता, एचके गोयल, ¨चरजीव सोढ़ी, संजय जैन, गुंजन व कविता खुराना आदि मौजूद रहे।