फास्टैग बनाने के लिए कंपनियों में स्पर्धा, चालकों में दिखी राहत
15 जनवरी को लागू हुए फास्टैग टोल पेमेंट सिस्टम को 29 दिन बीत चुके है। इस दरम्यान जिले के लगभग 75 फीसद वाहन चालकों ने अपने फास्टैग बनवा लिए है। अब चालकों में ऑनलाइन फास्टैग खरीदने का ज्यादा रूझान नजर आ रहा है। जिस कारण फास्टैग बनाने वाली कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती हुई नजर आ रही है।
जागरण संवाददाता, पानीपत: 15 जनवरी को लागू हुए फास्टैग टोल पेमेंट सिस्टम को 29 दिन बीत चुके है। इस दरम्यान जिले के लगभग 75 फीसद वाहन चालकों ने अपने फास्टैग बनवा लिए है। अब चालकों में ऑनलाइन फास्टैग खरीदने का ज्यादा रूझान नजर आ रहा है। जिस कारण फास्टैग बनाने वाली कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती हुई नजर आ रही है। बुधवार को भी पानीपत टोल प्लाजा पर कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले।
टोल प्लाजा पर दोनों ओर पेटीएम, एयरटेल और एसबीआई बैंक के फास्टैग काउंटर लगे दिखाई दिए। लेकिन ग्राहक नहीं होने के कारण अधिकतर कर्मचारी धूप में सुस्ताते नजर आए। एयरटेल और पेटीएम कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि अब नए फास्टैग के दोनों में 50 से 100 रुपये तक की कटौती की गई है। एयरटेल कंपनी के कर्मचारी चालकों को 100 रुपये अतिरिक्त भुगतान करने पर हेल्थ इंश्योरेंस देने का दावा करते नजर आए। वहीं भारी वाहनों के फास्टैग बना रहे एसजीएल (एसबीआइ) कंपनी के कर्मचारी कैश लेन में खड़े होकर चालकों को फास्टैग बनवाने के लिए अपने बूथ की ओर बुलाने की कोशिश करते दिखे। उन्होंने बताया कि अधिकतर वाहनों के फास्टैग बनने के कारण अब दिनभर में महज 5 से 10 भारी वाहनों के फास्टैग ही बिक रहे है। कैश लेन में भी घट रही वाहनों की संख्या
फास्टैग बनवाने वाले वाहनों की संख्या में इजाफा होने के कारण कैश लेन में वाहनों की कतार छटती जा रही है। जिससे टोलकर्मियों में भी राहत नजर आने लगी है।
हालांकि कई बार फास्टैग का मिनीमम बैलेंस खत्म होने पर अक्सर वाहन चालक फास्टैग लेन में टोल पेमेंट ले रहे कर्मचारियों से बहस करते दिखाई देते है।