आयकर स्क्रूटनी अब ऑन लाइन, पोर्टल पर पहले बताना होगा कौन दे रहा जवाब
आयकर विभाग के हर काम (रिटर्न दाखिल करने से स्क्रूटनी केस तक) ऑन लाइन हो चुके हैं। अब ऑन लाइन की स्क्रूटनी के केस लगेंगे और उनका जवाब भी ऑन लाइन दिया जाना है। स्क्रूटनी के मामले में आयकर पोर्टल पर जवाब देना होता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आयकर विभाग के हर काम (रिटर्न दाखिल करने से स्क्रूटनी केस तक) ऑन लाइन हो चुके हैं। अब ऑन लाइन की स्क्रूटनी के केस लगेंगे और उनका जवाब भी ऑन लाइन दिया जाना है। स्क्रूटनी के मामले में आयकर पोर्टल पर जवाब देना होता है। शुरुआत में सीधा जवाब दिया जा रहा था। अब सीधा जवाब भी पोर्टल नहीं ले रहे। अब कारोबारी को अपने तरफ से जवाब देने के लिए किसे नामांकित किया गया है। उसके जानकारी पोर्टल पर फीड करवानी होगी। उसके बाद ही जवाब दिया जा सकेगा।
कुछ महीने पहले तक तो यह पता भी होता था कि कौन अधिकारी ई-असेस्मेंट कर रहा है और अधिकारी को भी पता होता था कि दूसरी तरफ कौन सा कारोबारी है। अब आयकर विभाग ने यह व्यवस्था की है कि करदाता खुद ही पोर्टल के जरिए बताएं कि उनकी तरफ से जवाब दाखिल करने वाला कौन है। आयकर विभाग के रेंज अधिकारी आरपी तंवर ने बताया कि एक नवंबर से यह स्थिति लागू हो गई है। सीए को सदस्यता नंबर व बाकी का पैन नंबर देना होगा। बाकी की जानकारी विभाग अपने सिस्टम से ले लेगा। टैक्स सलाहकार की जानकारी देने के बाद करदाता के मोबाइल व ई मेल पर वन टाइम पासवर्ड आएगा और उसे डालते ही उसका नाम फीड हो जाएगा। इसके बाद वह उस करदाता की तरफ से जवाब दे सकते हैं। अगर टैक्स सलाहकार को बदलना होगा तो उसके लिए दोबारा वही प्रक्रिया अपनानी होगी। क्या है स्क्रूटनी
करदाता के सालभर के खाते की विभाग द्वारा असेस्मेंट की जाती है। विभाग का आईटीओ एसेस्मेंट कर फैसला देता है कि कारोबारी ने सही टैक्स भरा है। यदि टैक्स कम ज्यादा भरा गया है तो उससे वसूली की जाती है। जो फैसले हो जाते हैं। उनमें से कुछ फैसले आयकर के उच्च अधिकारी दोबारा चैक करते हैं अथवा किसी पर शक होने पर उसका खाता चैक किया जाता है। इसे स्क्रूटनी विशेष जांच कहा जाता है।