15 करोड़ के प्लॉट घोटाले में सीडी कांड को भूले अधिकारी
-एससीआइसी ने मुकदमा दर्ज के दिए थे आदेश -सेक्टर-29 पार्ट-टू में एक प्लॉट का फर्जी तरीके
-एससीआइसी ने मुकदमा दर्ज के दिए थे आदेश
-सेक्टर-29 पार्ट-टू में एक प्लॉट का फर्जी तरीके से जारी किया था ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट
-मुख्य प्रशासक ने एक मई को दो जेई समेत तीन को किया था सस्पेंड
-1000 वर्ग मीटर प्लॉट की आज करीब 15 करोड़ रुपये है कीमत जगमहेंद्र सरोहा, पानीपत
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी सेक्टर-29 पार्ट-टू में 1000 वर्ग मीटर के 15 करोड़ रुपये की कीमत के प्लॉट घोटाले में दो जेई समेत तीन को सस्पेंड कर सीडी चोरी कांड को भूल गए। हालांकि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त खुद इसमें कार्रवाई के आदेश कर चुके हैं। दोनों शिकायतकर्ताओं एडवोकेट जुग¨वद्र मलिक व पूर्व जिला पार्षद जो¨गद्र स्वामी ने घोटाले व सीडी कांड में अब तक की कार्रवाई पर असंतोष जताया है।
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राज्य मुख्य चुनाव आयुक्त ने जनवरी में दिए थे आदेश
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त यशपाल ¨सघल ने एडवोकेट जुग¨वद्र मलिक की शिकायत पर नौ नवंबर 2017 को सुनवाई की। उन्होंने हुडा के मुख्य प्रशासक, प्रशासक व संपदा अधिकारी को आदेश जारी कर 31 जनवरी तक डुप्लीकेट सीडी उपलब्ध कराने और सीडी सुरक्षित न रखने पर जेई सतीश कुमार पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। जेई सतीश कुमार ने तत्कालीन जेई के वक्त सीडी गायब होने की बात कही थी। एडवोकेट जुग¨वद्र मलिक ने बताया कि हुडा आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई को लटका रहा है।
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यह है सीडी कांड सर्वे में उजागर हुआ था मामला
एसडीएम अश्वनी मलिक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम ने 2013 में सेक्टर-29 पार्ट-2 के सभी प्लॉटों का सर्वे किया। सर्वे में प्लॉट नंबर 300 को खाली (बिना निर्माण का) बताया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर खाली प्लॉटों को रिज्यूम किया जाना था। इससे पहले ही 31 मार्च 2015 को ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया। ऐसे में प्लॉट रिज्यूम होने से बचा लिया गया।
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वर्जन :
मुख्य प्रशासक से सेक्टर-29 पार्ट 2 के प्लॉट नंबर 300 का ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में दोषियों को सस्पेंड करने के आदेश मिले थे। मुख्य प्रशासक के आदेशानुसार ही आगामी कदम उठाया जाएगा।
विजय राठी, ईओ, पानीपत।