नियम 134 ए के प्रथम ड्रॉ में 56 अंक वालों को स्कूल अलॉट, 73 वाले वेटिग में
शिक्षा विभाग की तरफ से नियम 134 ए में दाखिले के लिए बुधवार को प्रथम ड्रा निकाला। 56 फीसद अंक से पास हुए बच्चों को मिलेनियम जैसे बड़े बैनर का मनचाहा स्कूल मिल गया। दूसरी तरफ 73 फीसद अंक लेकर उत्तीर्ण हुए विद्यार्थी को निराशा हाथ लगी। उसे 10 मई को निकलने वाले दूसरे ड्रा का इंतजार करना पड़ेगा। स्कूल अलॉटमेंट में गड़बड़ी का आरोप लगा कर दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के बैनर तले अभिभावकों ने बीईओ कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शिक्षा विभाग की तरफ से नियम 134 ए में दाखिले के लिए बुधवार को प्रथम ड्रा निकाला। 56 फीसद अंक से पास हुए बच्चों को मिलेनियम जैसे बड़े बैनर का मनचाहा स्कूल मिल गया। दूसरी तरफ 73 फीसद अंक लेकर उत्तीर्ण हुए विद्यार्थी को निराशा हाथ लगी। उसे 10 मई को निकलने वाले दूसरे ड्रा का इंतजार करना पड़ेगा। स्कूल अलॉटमेंट में गड़बड़ी का आरोप लगा कर दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के बैनर तले अभिभावकों ने बीईओ कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया।
सरकारी स्कूल के बराबर देनी होगी फीस
नियम 134 ए के तहत निजी स्कूलों में सरकारी स्कूल के बराबर ही फीस देनी होगी। कक्षा दूसरी से आठवीं तक निशुल्क शिक्षा मिलेगी। बस किराए के अलावा कोई भी पैसा नहीं देना होगा। कक्षा आठवीं से 10वीं तक मात्र 25 रुपये प्रत्येक माह और बस किराया, कक्षा 11वीं से 12वीं तक आर्ट्स के बच्चों को 55 रुपये, कॉमर्स के बच्चों को 60 रुपये, साइंस के बच्चों को 65 रुपये जमा कराना होगा। बस किराया अतिरिक्त होगा।
इंतजार करो
गीतांश ने 134ए का फार्म भरा था। 73 प्रतिशत अंक लेकर पास हुआ। बुधवार को बीईओ कार्यालय में गया तो अलॉटमेंट लिस्ट में उसका नाम नहीं था। 55-56 प्रतिशत नंबर लेने वालों को मिलेनियम स्कूल अलॉट कर दिया गया। इस बारे में जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तो अगले ड्रॉ तक इंतजार करने की बात कही। दाखिला पाने स्कूल पहुंचे बच्चे, संचालकों ने लौटाया
समालखा संवाददाता के अनुसार स्कूल अलॉट होने के बाद 134ए के तहत प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों के साथ दाखिला लेने के लिए पहुंचे बच्चों को बैरंग भेज दिया गया। किसी स्कूल संचालक ने सीट पूरी होने तो किसी ने सरकार द्वारा पिछली फीस न देने का बहाना बनाया। अभिभावक खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंचे। उन्हें मामले से अवगत कराया। अधिकारी ने संबंधित स्कूल को नोटिस जारी कर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
735 बच्चे हुए थे पास
पिछले माह 14 अप्रैल को 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में दाखिला पाने के लिए एक हजार से ज्यादा बच्चों ने परीक्षा दी थी। 735 बच्चे पास हो पाए थे। 26 से 29 अप्रैल तक उन्हें विभाग की वेबसाइट पर पसंदीदा स्कूल का चयन करने का मौका दिया गया। 30 अप्रैल की रात को ही उन्हें स्कूल अलॉट कर मैसेज के जरिये अभिभावकों के पास सूचना भेज दी। स्कूल अलाट का मैसेज आने पर अभिभावक खुशी खुशी बच्चे को लेकर बुधवार सुबह स्कूलों में पहुंचे। उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
अधिकारियों के सामने रोया दुखड़ा
प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा दुत्कार मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे अभिभावक सुरेन्द्र, विनोद समालखा, सुरेश महावटी, मोनिका, मंजु, सुरेश, संदीप, विक्की आदि ने प्राइवेट स्कूल संचालकों को कोसते हुए बताया कि मंगलवार शाम को विभाग की तरफ से उनको मोबाइल पर मैसेज भेज बच्चे को स्कूल अलॉट किए जाने की जानकारी दी गई थी। अब स्कूल संचालक सरकार द्वारा पिछले साल की फीस न दिए जाने और सीट पूरी होने की बात कह कर टालने लगे हैं।