15 वर्ष का था तो मशीन में कट गया था हाथ, अब दोस्त नेे कस्सी से काट डाला panipat news
जुलाना के वार्ड नंबर पांच निवासी शराब ठेके पर कारिंदे 40 वर्षीय नरेश की कस्सी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। शव करसोला व रामकली गांव के बीच सड़क पर ठेके के पास खून लथपथ मिला।
जेएनएन, पानीपत : किस्मत देखिए, 18 साल पहले बेचारे का हाथ मशीन में कट गया था। काम कर परिवार का गुजर बसर कर रहा था। लेकिन अनहोनी ने ऐसा खेल खेला कि अब परिवार भी लावारिस हो गया। दोस्त ने ही कस्सी से काटकर हत्या कर दी। एकमात्र कमाने वाले मुखिया को शराब के ठेके पर बेरहमी से कस्सी से काट डाला। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
जुलाना के वार्ड नंबर पांच निवासी शराब ठेके पर कारिंदे 40 वर्षीय नरेश की कस्सी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। कारिंदे का शव करसोला व रामकली गांव के बीच सड़क पर ठेके के पास खून से लथपथ पुलिस को मिला। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया। कारिंदा जुलाना के वार्ड नंबर 5 निवासी 40 वर्षीय नरेश था। नरेश करसोला व रामकली गांव के बीच शराब ठेके पर कारिंदे का काम करता था। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने शराब ठेके के पास सड़क पर खून से लथपथ शव देखा। हत्या काफी बेरहमी से की है। कस्सी से गर्दन पर वार किया गया है। कस्सी कारिंदे की गर्दन में घुसी हुई थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर जुलाना थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह साथ मौके पर पहुंचे और पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया।
लूट का मामला होता तो नहीं मिलते ठेके पर रुपये
शराब ठेके पर नकदी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। अगर मामला लूट का होता, तो शराब ठेके से नकदी गायब मिलती। हत्या क्यों की गई है हत्या का कारण क्या रहा है, हत्या किसने की है इस बात का पता लगाने में पुलिस जुटी हुई है। शहर थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि रात को किसी शराबी के साथ नरेश का झगड़ा हुआ होगा, उसने नरेश की हत्या की होगी। नरेश की नरेश अपने पीछे विधवा पत्नी, दो लड़के व एक लड़की को छोड़ गया।
शाम को घरवालों से हुई थी बात
परिजनों ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम करीब आठ बजे नरेश ने उनसे बात की थी। रात 12 बजे के आसपास की ये घटना बताई जा रही है। नरेश जब 15 वर्ष का था तो उसका एक हाथ मशीन में आने से कट गया था। पिछले कई माह से नरेश शराब ठेके पर कारिंदे का काम करता था और अपने परिवार का पेट पालता था।