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रसूख की खुराक से फल-फूल रहा अवैध कालोनियां का धंधा, जांच के लिए पार्षदों ने बनाया दबाव

05-06 कालोनियों में हर माह पीला पंजा चलता है। बावजूद यमुनानगर में रसूख के चलते अवैध कॉलोनियों का अवैध धंधा खूब फल फूल रहा है। 69 कालोनियों को किया गया था वैध। कॉलोनियां बसने के बाद इसे वैध करने की प्रक्रिया शुरू होती है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 05:07 PM (IST)
रसूख की खुराक से फल-फूल रहा अवैध कालोनियां का धंधा, जांच के लिए पार्षदों ने बनाया दबाव
अवैध रूप से कॉलोनियों को बसाया जा रहा।

यमुनानगर, जेएनएन। राजनीतिक रसूख व व्यवस्था में खामियां अवैध कालोनियों के पनपने का कारण बन रही हैं। इन कालोनियों में प्लाट खरीदकर लोग फंस जाते हैं। जबकि खरीद-फरोख्त से जुड़े लोग मोटी कमाई कर रहे हैं। अवैध कालोनियों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि डीटीपी द्वारा हर माह पांच-छह अवैध कालोनियों में पीला पंजा चलाना पड़ रहा है। अब तक सैकड़ों घरों की मियादों को ढहाया जा चुका है। अवैध कालोनियों के कारण शहर की सूरत ही बदल गई है। उधर, फर्जी लेटर हेड पर अवैध कालोनियों में हो रही रजिस्ट्रियों के मामले मामले में पार्षदों ने निष्पक्ष जांच के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

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अवैध कालोनियों में धड़ाधड़ प्लाट काटे जा रहे हैं। मिलीभगत से रजिस्ट्री भी हो जाती है। लेकिन जब लोग अवैध कालोनी में रहने लगते हैं तो वे गलियों को पक्का करने व सीवरेज के लिए अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर लगाने पड़ते हैं। गत वर्ष जिन 69 कालोनियों को वैध किया गया था, उनमें भी आज तक मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं मिल पाई हैं। अन्य अवैध कालोनियों के तो हालात ही खराब हैं। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग व बिजली निगम के अधिकारी भी सवालों के घेरे में है। बिना कोई दस्तावेज देखे इनमें पानी व बिजली के कनेक्शन दे दिए जाते हैं।

दबा दी जाती है आवाज

वार्ड चार से पार्षद देवेंद्र सिंह का कहना है कि नगर निगम में इन दिनों एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। यदि इसके खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसको दबा दिया जाता है। फर्जी लेटर हेड पर अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री का मामला छोटा नहीं है। इसके पीछे बड़ा भू-माफिया काम कर रहा है। इस मामले हो हल्के से नहीं लिया जाना चाहिए। इस संबंध में जल्दी ही कमिश्नर धर्मवीर से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी।

विज को कराया अवगत

भाजपा से पूर्व पार्षद प्रमोद सेठी का कहना है कि पूर्व पार्षद नीरज राणा ने निगम के जिन मुद्दों को उजागर किया था, इसका मतलब वह सही है। इस मामले में मैं उनके साथ हूं। निगम में बरती जा रही अनियमितताओं की जांच होनी चाहिए। जो भी दोषी मिले उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। हमने तो हमेशा ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। इस मामले से भी शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को अवगत करा दिया है।

वार्ड 13 से पार्षद निर्मल चौहान का कहना है कि नगर निगम की? जमीनों पर भू-माफिया की? नजर है। हथियाने के लिए हर तरह का हथकंडा अपनाया जा रहा है। इसमें रसूखदारों की? मिलीभगत की? संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। निगम की? फर्जी लेटर हेड किसने तैयार की? किसकी शह पर यह काम हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। मै तो हाउस की? हर बैठक में इस मुद्दे को उठाती रही हूं।

वार्ड आठ से पूर्व पार्षद विनोद मरवाह का कहना है कि अवैध कालोनियों में मिलीभगत से ही रजिस्ट्रियां हो रही हैं। नियमों के मुताबिक इन कालोनियों में रजिस्ट्री नहीं हो सकती। लेकिन अवैध तरीके से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। इसकी जांच के लिए कमिश्नर से मिलेंगे। यह मामला संगीन है।


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