एन्हांसमेंट पॉलिसी में फंसे हैं तो पढ़ें ये खबर, ब्याज बढ़ती जाएगी
पानीपत में 1200 करोड़ का एन्हांसमेंट आया है। प्लॉटधारक को 37.5 प्रतिशत राशि की छूट दी जाएगी। प्लॉटधारकों को स्कीम का लाभ लेने के लिए 16 नवंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना होगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : एन्हांसमेंट की फुल एंड फाइनल सेटलमेंट पॉलिसी को स्पष्ट कर दिया गया है। स्कीम के अंतर्गत 16 नवंबर तक ही छूट पा सकते हैं। इसके बाद पॉलिसी पर छूट लेने के साथ 15 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज जमा कराना होगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की एन्हांसमेंट की नई स्कीम के प्रति जागरूक करने के लिए एक दिन पहले ही बैठक बुलाई गई थी।
इसमें दो या तीन ही सेक्टरों की आरडब्ल्यूए ही पहुंच पाई, बाकी आरडब्ल्यूए विरोध के चलते इससे दूर रही। जबकि शहर के आठ सेक्टरों में करीब 1200 करोड़ रुपये की एन्हांसमेंट बताई गई है। ईओ योगेश कुमार रंगा ने कहा कि सरकार ने एन्हांसमेंट के लिए फुल एंड फाइनल सेटेलमेंट स्कीम बनाई है। इसके अंतर्गत प्लॉटधारक को 37.5 प्रतिशत राशि की छूट दी जाएगी।
16 तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे
ईओ योगेश कुमार रंगा ने बताया कि प्लॉटधारकों को स्कीम का लाभ लेने के लिए 16 नवंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन कराना होगा। इसके बाद किसी किसी तरह का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकेगा। सेक्टरवासियों एक साथ पूरी एन्हांसमेंट जमा नहीं करा पाते हैं तो उनको 10 प्रतिशत तुरंत जमा करानी होगी और बाकी 90 प्रतिशत राशि पर 15 प्रतिशत प्रतिदिन के ब्याज पर 30 नवंबर तक जमा करा सकेंगे।
आठ सेक्टरों में 1200 करोड़ की एन्हांसमेंट
पानीपत के आठ सेक्टरों में 1200 करोड़ रुपये की एन्हांसमेंट है। इनमें सेक्टर-6, 7, 8, 18, 25-1, 25-2, 29-1 और 29-2 सेक्टर हैं। सेक्टर-29-2 में सबसे ज्यादा एन्हांसमेंट आई हुई है।
आंदोलन में उतरे सेक्टरवासी रहे दूर
एन्हांसमेंट के विरोध में उतरे सेक्टरवासियों ने अधिकारियों की बैठक से दूरी बनाए रखी। ऑल सेक्टर्स एसोसिएशन के जिला संयोजक बलजीत सिंह ने बताया कि वे एन्हांसमेंट का विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार स्कीम के नाम पर सेक्टरवासियों को उलझाने में लगी हुई है। वे 25 नवंबर को जींद में रैली कर सामूहिक गिरफ्तारी देंगे। सेक्टर-25-टू के प्रधान भीम राणा ने बताया कि सेक्टरवासी री-कैलकुलेशन की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर लंबे समय से संघर्ष कर सरकार तक बात पहुंचाई जा रही है, लेकिन सरकार और अधिकारी उनकी मांगों को लागू करने को तैयार नहीं है।