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GST के दायरे में आते हैं तो यह खबर आपके लिए है, खाते हो जाएंगे जब्‍त

पानीपत में बीस हजार से अधिक से अधिक व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत। 200 व्यापारियों से अधिक ने छह माह से जीएसटी की रिटर्न दाखिल नहीं की। पांच लाख से अधिक वैट बकायादारों के बैंक खाते होंगे अटैच।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 04:51 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 04:52 PM (IST)
GST के दायरे में आते हैं तो यह खबर आपके लिए है, खाते हो जाएंगे जब्‍त
GST के दायरे में आते हैं तो यह खबर आपके लिए है, खाते हो जाएंगे जब्‍त

जागरण संवाददाता, पानीपत : अगर आप जीएसटी के दायरे में आते हैं और रिटर्न नहीं भर रहे तो आप परेशानी में पड़ने वाले हैं। दरअसल, जीएसटी रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों के बैंक खाते अटैच किए जाएंगे। रिटर्न दाखिल न करने वाले व्यापारियों की पानीपत उप आबकारी आयुक्त कार्यालय सूची बना रहा है। अब तक 200 से अधिक फर्मों की पहचान की गई जो छह माह से रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं।

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ईटीओ सार्थक कोहली ने बताया कि बैंक खाते अटैच होने से ये व्यापारी कारोबार नहीं कर पाएंगे। विभाग का इस समय टैक्स चोरी रोकने तथा वैट का बकाया रिकवरी करने पर जोर है।  जिन व्यापारियों को पांच लाख से अधिक वैट टैक्स देना है। उनके बैंक खाते भी अटैच किए जा रहे हैं। अब तक ऐसे 50 व्यापारियों के बैंक खाते अटैच किए जा चुके है।  जिन उद्यमियों व्यापारियों के बैंक खाते अटैच किए गए हैं उनमें से 20 व्यापारियों ने अपना टैक्स चुकता कर दिया है।

पांच लाख से कम बकायादार भी फंसेंगे
पांच लाख से अधिक टैक्स के बकायादारों के बाद पांच लाख से कम के बकायादारों के खाते अटैच करने का अभियान चलेगा। जीएसटी लागू होने के बाद वैट संबंधी पुराने केस निपटाए जा रहे हैं। हर वर्ष व्यापारी की  वार्षिक एसेसमेंट में होती है। जिसमें यदि व्यापारी की तरफ बकाया हो तो उसे टैक्स भरना होता है। यदि ज्यादा भर दिया जाता है तो रिटर्न किया जाता है।

क्‍या है जीएसटी
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक अप्रत्यक्ष कर है। वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। वैट, एंट्री टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, विज्ञापन पर टैक्स, राज्य के टैक्स और सेस आदि सभी जीएसटी में शामिल कर दिए गए हैं। पेट्रोलियम और आबकारी टैक्स को इससे बाहर रखा गया है। भारत में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ था। जीएसटी की दर 5 फीसदी से लेकर 28 फीसदी तक है। सबसे पहले सन 2000 में जीएसटी लागू करने का विचार अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। दुनिया के कई देशों में जीएसटी पहले से ही लागू है। कनाडा ने  1991 में मैन्यूफैक्चर्स सेल्स टैक्स को हटाकर जीएसटी अपनाया था। ऑस्ट्रेलिया ने सन 2000 में फेडरल होलसेल टैक्स को हटाकर जीएसटी लागू किया था। न्यूजीलैंड ने 1986, सिंगापुर ने 1994 और मलेशिया ने 2015 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स को अपनाया था।

एक लाख करोड़ रुपये का हो चुका कलेक्‍शन
जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया था। सरकार का कहना है कि जीएसटी से दरों में कमी आई है, टैक्स चोरी घटी है, टैक्स कंप्लायंस बढ़ा है और इसमें अधिकारियों का दखल भी बहुत कम है। यह नए टैक्स सिस्टम की सफलता को दिखाता है। सितंबर से 31 अक्टूबर तक 67.45 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न फाइल किए गए, जो अगस्त से सितंबर के मुकाबले 6.7 पर्सेंट की बढ़ोतरी है।


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