सर्दी से बचने का उपाय बना जानलेवा, अंगीठी के कारण दंपती की दम घुटने से मौत
बंद कमरे में दंपती का शव मिला। आशंका जताई जा रही है कि दम घुटने से मौत हुई है। मृतका सेंट थॉमस स्कूल में टीचर थी और पति वहीं पर रिसेप्सनिस्ट था।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। रक्षक विहार नाका के पास कृष्णा कालोनी में मूल रूप से रोहतक निवासी दंपती का शव बंद कमरे में मिला है। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस पहुंची। जांच में सामने आया कि कमरे में कोयले की अंगीठी रखी हुई थी। अंदर से बाथरूम व कमरे का दरवाजा भी बंद था। अंदेशा जताया जा रहा है कि दम घुटने से दंपती की मौत हुई है। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाने के बाद हादसे की सूचना परिजनों को दी।
मूूल रूप से रोहतक के गांधीनगर निवासी अमितेश(40) व उनकी पत्नी प्रियंका(37) तीन साल पहले शहर में आए थे और यहां पर कृष्णा कालोनी में सरदार गुरमीत ङ्क्षसह मकान में किराये पर रहते थे। प्रियंका सेंट थॉमस स्कूल में अंग्रेजी व इतिहास पढ़ाती थी, जबकि अमितेश यहीं पर रिसेप्शनिस्ट था। बताया जा रहा है कि बुधवार को ये दोनों स्कूल नहीं गए थे और घर पर ही थे। रोजाना की तरह बुधवार की शाम करीब पांच बजे जब ट््यूशन पढऩे वाले बच्चे पहुंचे तो मकान का दरवाजा अंदर से बंद मिला। काफी देर तक जब दरवाजा नहीं खुला तो बच्चे वापस लौट गए। उन्होंने घर आकर इस बारे में बताया। एक बच्चे के पिता ने दूसरे बच्चे के घर पर फोन कर पता किया तो वहां से भी यही जवाब मिला। अनहोनी की आशंका में वह तुरंत मकान पर पहुंचे और जाली काटकर कुंडी खोली तो अंदर अमितेश और प्रियंका के शव अलग अलग जगह पड़े थे।
बाथरूम में पति तो बेड पर मिला पत्नी का शव
घटना का पता लगते ही सेंट थॉमस स्कूल से फादर प्रमोद कुमार व कई अन्य शिक्षक पहुंचे। फादर प्रमोद कुमार ने बताया कि जब वह अंदर पहुंचे तो अमितेश बाथरूम की सीट के पास पड़े थे, जबकि प्रियंका बेड पर अचेत पड़ी थी। दोनों ने तीन साल पहले यहां पर जॉब शुरू की। इससे पहले प्रियंका रोहतक के ही स्कूल में पढ़ाती थी, जबकि पति अमितेश का अपना बिजनेस था। उनके पास दो बेटे 11 वर्षीय श्रेष्ठ व चार वर्षीय अहान हैं। वह क्रिसमस की छुट्टियों में अपने दादा प्रेम मसीह के पास गए थे। 5 जनवरी को ही वह घर से लौटे थे। सुबह 11 से दो बजे तक स्कूल में थे। मृतक अमितेश के पिता रोहतक में चर्च कमेटी के सदस्य हैं।
बरसात की वजह से नहीं गया ध्यान
बुधवार को दिन भर बरसात होती रही। इस वजह से भी कोई घर से बाहर नहीं निकला था। मकान मालिक गुरमीत का कहना है कि बरसात की वजह से वह भी बाहर नहीं निकले। अमितेश का कमरा बंद था। वह यही सोचते रहे कि दोनों स्कूल में चले गए होंगे। शाम को जब बच्चे आए तो उन्हें पता लगा। दंपती बेहद व्यवहार कुशल थे। दोनों का सभी से अच्छा व्यवहार था।
दंपती के शव मिलने के बाद मौके पर गए थे। एफएसएल टीम को भी बुलाया गया। कमरे में कोयले की अंगीठी जली हुई थी। शुरूआती जांच में यही सामने आया है कि अंगीठी की वजह से गैस बनी, जिससे दम घुटने से दोनों की मौत हुई है। दोनों के शवों का बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
दिनेश सिंह चौहान, थाना प्रभारी, शहर जगाधरी।