175 गांवों की मिट्टी और पानी से गीता जयंती में बनेगा हवनकुंड
तीन दिन तक चलने वाले गीता जयंती महोत्सव में विशाल हवनकुंड 175 गांवों की मिट्टी और पानी से बनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत: तीन दिन तक चलने वाले गीता जयंती महोत्सव में विशाल हवनकुंड 175 गांवों की मिट्टी और पानी से बनाया जाएगा। हर गांव से 200-200 ग्राम मिट्टी लाई जाएगी। सभी ग्राम पंचायतों से इसके लिए सहयोग मांगा है। उनको 7 दिसंबर तक मिट्टी और पानी का प्रबंध करना होगा। इससे जिले में नई शुरुआत होगी। 8 दिसंबर को हवन कराया जाएगा। इसमें सभी गांवों के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।
डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि गीता जयंती महोत्सव का आयोजन आर्य कॉलेज में 6 से 8 दिसंबर को मनाया जाएगा। जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव में तीनों दिन धार्मिक और समाजसेवी संस्थाओं, शिक्षा विभाग के अधिकारी, अध्यापक और विद्यार्थी अपना पूरा योगदान देंगे। जिले के प्रत्येक गांव की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव की 200-200 ग्राम मिट्टी और पानी से एक विशाल हवनकुंड बनाया जाएगा। निगम कमिश्नर और तहसीलदार ने किया दौरा
नगर निगम कमिश्नर ओमप्रकाश, तहसीलदार डॉ. कुलदीप सिंह और डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स ने गीता जयंती महोत्सव पर शोभायात्रा के लिए मंगलवार को शहर का दौरा किया। उन्होंने शोभायात्रा के संभावित रूट की सड़कों की स्थिति जानी। निगम कमिश्नर ने सड़कों की मरम्मत कराने का भरोसा दिया। डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स ने यातायात व्यवस्थाओं को जांचा। इस बार ऐतिहासिक होगा समारोह
डीसी ने बताया इस बार समारोह भव्य और ऐतिहासिक होगा। 6 दिसंबर को प्रात: 11 बजे से 2 बजे तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शहर के मुख्य मार्गों से होते हुई आर्य कॉलेज परिसर में पहुंचेगी। यहां दोपहर बाद 2:30 से चार बजे तक गीता पर आधारित संगोष्ठी होगी। 5:30 बजे नाटक का मंचन किया जाएगा। 7 दिसंबर को प्रात: 11 बजे नैन गोअभयारण्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाएगा। 8 दिसंबर को आर्य कॉलेज परिसर में यज्ञ होगा। इसमें पानीपत की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि और विद्यार्थी शामिल होंगे।