Move to Jagran APP

झींडा के खिलाफ खड़ी हुई आधी एचएसजीपीसी कार्यकारिणी

पंकज आत्रेय, कैथल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) में खींचतान बढ़ती जा रह

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 04:57 PM (IST)
झींडा के खिलाफ खड़ी हुई आधी एचएसजीपीसी कार्यकारिणी
झींडा के खिलाफ खड़ी हुई आधी एचएसजीपीसी कार्यकारिणी

पंकज आत्रेय, कैथल

loksabha election banner

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) में खींचतान बढ़ती जा रही है। कमेटी के प्रधान जगदीश ¨सह झींडा की खिलाफ कार्यकारिणी के दस में पांच सदस्यों ने अन्य सदस्यों के साथ कैथल के गुरुद्वारा मंजी साहिब में बैठक की। इनमें वरिष्ठ उप प्रधान दीदार ¨सह नलवी, करनैल ¨सह निम्नाबाद, सरदार जसबीर ¨सह भट्ठी डबवाली, मोहनजीत ¨सह पानीपत और सरदार बलदेव ¨सह बल्ली सीवन शामिल हैं। इनके अलावा कमेटी के सदस्य निरवैर ¨सह असंध, गुरचरण ¨सह रतिया और एडवोकेट सुरजीत ¨सह भी उपस्थित रहे।

दीदार ¨सह नलवी और जसबीर ¨सह भट्ठी डबवाली ने कहा कि कमेटी के प्रधान जगदीश ¨सह झींडा ने प्रदेश के सिखों की पीठ में छुरा घोंपते रहे हैं। इनेलो का समर्थन करने का एलान करके उन्होंने सबसे शर्मनाक काम किया। उन्होंने साबित कर दिया कि वे सिख और हरियाणा के गुरुद्वारों के हित की बजाय खुद की राजनीति की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वे 19 अगस्त को पिपली में सुखबीर बादल की रैली के समानांतर रैली करेंगे, लेकिन उन्होंने खुद इसे वापस लेकर सिखों का अपमान किया है। बादल की यह रैली हरियाणा के सिखों को गुलाम बनाने की साजिश थी, जो यह भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, सुखबीर बादल ने दिल्ली में बैठकर रची थी। इनका तीसरा पार्टनर इनेलो है।

बॉक्स

झींडा के पल्ले कुछ नहीं

नलवी ने कहा, झींडा एक अखबारी नेता हैं। उनके पल्ले कुछ नहीं है। उनका आत्मविश्वास खत्म हो चुका है और सिखों का विश्वास तो पहले ही गंवा चुके थे। कमेटी के भीतर 41 सदस्यों में भी वे अल्पमत में हैं। इसलिए वे कभी भाजपा, कभी बादल और अब इनेलो में हाथ-पैर मार रहे हैं। एचएसजीपीसी एक धार्मिक संगठन है। इसे राजनीतिक नहीं बनने दिया जाएगा, लेकिन अल्पसंख्यक होने के नाते सिखों के हक लेकर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मुकदमा जीतेंगे। झींडा ने अपनी पार्टी हरियाणा जनता अकाली दल के नाम से बना रखी है, लेकिन इसका पंजीकरण तक नहीं है। उन्होंने झींडा को चेतावनी दी कि कमेटी के प्लेटफार्म को राजनीति के लिए इस्तेमाल न करें। हमारा उनकी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। अगर ऐसा करेंगे तो सिस्टम हरकत में आएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.