गुरुघरों की सेवा संभालने मैदान में उतरी HSGPC, दादूवाल और झिंडा आए एक साथ, पुलिस बल तैनात
अदालत से एचएसजीपीसी (HSGPC) के हक में फैसला आने के बाद एचएसजीपीसी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल व पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा छठी पातशाही पहुंचे। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैनात रहा पुलिस बल।
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एचएसजीपीसी) के पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के अगले दिन ही गुरुद्वारों की सेवा संभालने को लेकर मैदान में उतर आए हैं। इसको लेकर बुधवार को एचएसजीपीसी के दो धड़ों के नेता गुरुद्वारा छठी पातशाही पहुंचे।
एचएसजीपीसी पदाधिकारियों की सक्रियता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस अलर्ट हो गई है। गुरुद्वारों में बनी तनावपूर्ण स्थिति के चलते गुरुद्वारा छठी पातशाही के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
दादूवाल और झिंडा पहुंचे
एचएसजीपीसी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल और एचएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा वीरवार को अपने दलों के साथ गुरुद्वारा छठी पातशाही पहुंचे। दोनों गुरुद्वारों की सेवा को लेकर अपनी-अपनी चाबी मांगी। इसके बाद दोनों के बीच बंद कमरे में बैठक की। दोनों ने एक होने की बात कही और एक साथ मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि एचएसजीपीसी को सबकुछ मिलना है। वे इसको लेकर एकजुट हैं। कमेटी केस जीत गई है। गुरुद्वारों की सेवा को लेकर कोई जबरदस्ती नहीं करेंगे और कानूनी प्रक्रिया के तहत सब काम करेंगे। उन्होंने मैनेजर को इस नए चेक जारी न करने की कही है।
कुरुक्षेत्र से 2001 में शुरू किया था अलग कमेटी का संघर्ष
एचएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने बताया कि उन्होंने साल 2001 में कुरुक्षेत्र से ही प्रदेश की अलग कमेटी का संघर्ष शुरू किया था। अब उनको कानूनी तौर पर जीत मिल गई है। अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को चाहिए कि वह शांतिप्रिय तरीके से प्रदेश के गुरुद्वारों की संभाल की जिम्मेदारी एचएसजीपीसी को सौंप दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ही एडहाक कमेटी का गठन किया था, अब कानूनी जीत के बाद वह प्रदेश सरकार को ही अगली कार्रवाई के लिए लिखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एचएसजीपीसी के ज्यादातर सदस्य के अपने साथ होने का दावा भी किया है।
शांतिप्रिय तरीके से संभालेंगे सेवा : दादूवाला
एचएसजीपीसी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि कानूनी तौर पर उनकी जीत हुई है। अब प्रदेश के गुरुद्वारों की सेवा एचएसजीपीसी ही संभालेगी। अदालत से जीत के बाद अब सरकार का अधिकार क्षेत्र है। अब सरकार कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए एचएसजीपीसी को गुरुद्वारों की सेवा संभालने का काम करें। उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद प्रदेश के सिखों को खुशी मिली है। कमेटी के ज्यादातर सदस्यों के नाराज होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा ने कई सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर रखे हैं। वह सभी सदस्यों के साथ बैठकर इसका समाधान कर लेंगे और मिलजुलकर गुरु घरों की सेवा संभालेंगे।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल रहा तैनात
गुरुद्वारों की सेवा संभाल को लेकर एचएसजीपीसी की सक्रियता को देखते हुए गुरुद्वारा छठी पातशाही के बाहर पुलिस बल तैनात रहे। पुलिस उप अधीक्षक गुरमेल सिंह ने सिख नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की। हालात को देखते हुए गुप्तचर विभाग ने भी दिन भर गुरुद्वारे में चल रही हलचल पर नजर रखी। वीरवार सुबह गुरुद्वारा के बाहर भारी पुलिसबल तैनात रहा।