मेयर, पार्षदों और अधिकारियों में बिगड़ा तालमेल, हाउस बैठक तक अटकी Panipat News
पानीपत नगर निगम की हाउस बैठक तीन महीने से नहीं हो सकी है। शहर के कामों की समीक्षा तक नहीं हो पा रही है जिससे विकास अटका है।
पानीपत, जेएनएन। शहर की सरकार का हाउस तीन महीने से नहीं बुलाया जा सका है। ऐसे में नए कामों के प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पा रही है। विधानसभा चुनाव के बाद पार्षद इन कामों के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी पार्षदों को इनके लिए रास्ता तक नहीं दे रहे। मेयर और अधिकारी कोई भी फिलहाल बैठक बुलाने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में शहर का विकास फिर पटरी से उतर सकता है।
नगर निगम हाउस का हाउस 10 अगस्त को बुलाया गया था। इसमें 105 कामों के प्रस्ताव पास किए थे। कमिश्नर ओमप्रकाश ने संबंधित पार्षदों को 90 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर की कॉपी दी थी। नियमानुसार हर महीने हाउस की बैठक बुलाई जानी थी। मेयर व अधिकारियों में तालमेल न बैठ पाने से सितंबर में बैठक नहीं हो सकी। मेयर ने अपने स्तर पर 10 सितंबर को पार्षदों की बैठक बुलाई थी। उसमें गोवंश के लिए कमेटी गठित करने समेत अन्य विषयों पर चर्चा की थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव में बैठक फंस गई।
हाउस की बैठक न बुलाने के दो बड़े कारण
नंबर-एक
मेयर अवनीत कौर ने गत दिनों ठेकेदारों की बैठक ली थी। उन्होंने पत्थर पर पैसे खर्च न करने और किसी को कमीशन न देने की बात कही थी। उनके बयान से उन्हीं की पार्टी के पार्षद भड़क गए थे। 20 पार्षदों ने मेयर के बयान पर नाराजगी जताई थी। वे अलग-अलग ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा और शहरी विधायक प्रमोद विज से मिले थे। कई पार्षद मेयर के बयान पर हाउस की बैठक का बहिष्कार करने की तैयारी में है। इन सबके चलते मेयर अवनीत कौर हाउस की बैठक सीधे बुलाने से टल रही हैं। वे इससे पहले दोनों विधायकों के साथ बैठक करना चाहती हैं।
स्ट्रीट लाइटों के घोटाले से अधिकारी घबराए
नगर निगम अधिकारी भी फिलहाल हाउस की बैठक बुलाने से टल रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण 10 अगस्त की बैठक में स्ट्रीट लाइटों के उठे घोटाले की जांच रिपोर्ट है। कमेटी को हाउस की बैठक में ही जांच रिपोर्ट सौंपी जानी है। इसमें करीब 8 करोड़ की स्ट्रीट लाइटों की जांच की थी। डेढ़ करोड़ की स्ट्रीट लाइटें बिना टेंडर के लगाई जाने की सूचना हैं। अधिकारी इस वक्त किसी तरह का टकराव या घोटाला सामने आने देने के समर्थन में नहीं हैं।
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते हाउस की बैठक नहीं बुलाई जा सकी थी। इससे शहर में किसी तरह का विकास प्रभावित नहीं होने दिया गया है। उस वक्त सभी संभावित मुद्दों को पास कर दिया था। अधिकारियों ने टेंडर लगाकर वर्क ऑर्डर कर दिए थे। हाउस की बैठक से पहले विधायकों के साथ चर्चा की जाएगी
अवनीत कौर, मेयर।
हाउस की बैठक में सभी पार्षदों से संभावित मुद्दे मांग लिए गए थे। बैठक में 90 करोड़ के वर्क ऑर्डरों की कॉपी संबंधित पार्षदों को दिए गए थे। इसके बाद करोड़ों के वर्क ऑर्डर किए गए थे। शहर में विकास कार्य लगातार कराए जा रहे हैं।
ओमप्रकाश, कमिश्नर, नगर निगम।
- ये भी जानें
- स्ट्रीट लाइटों में करोड़ों के घोटाले की जांच की मांग पिछली बैठक में उठी थी
- नियमानुसार हर महीने बुलानी होती है बैठक
- पहले विधानसभा चुनाव और फिर कमिश्नर की व्यस्तता के चलते नहीं बुलाई जा सकी बैठक
- 10 अगस्त को हुई थी हाउस की बैठक
- 105 मुद्दों पर लगाई थी मुहुर
- 90 करोड़ के कामों के वर्क ऑर्डर की कॉपी दी थी
- 97 दिन बाद भी हाउस की