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मैं सामान्य श्रेणी से हूं..आरक्षण नहीं, दाखिला चाहिए

उच्च शिक्षा विभाग के कारनामे हैरान करने वाले हैं। एक सामान्य श्रेणी की छात्रा को पिछड़ा वर्ग का बता दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 11:05 AM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 11:05 AM (IST)
मैं सामान्य श्रेणी से हूं..आरक्षण नहीं, दाखिला चाहिए

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र

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उच्च शिक्षा विभाग के कारनामे हैरान करने वाले हैं। एक सामान्य श्रेणी की छात्रा की बीकॉम की काउंसिलिंग करने के बाद उसे पिछड़ा वर्ग का दिखा दिया गया। जब मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया तो जानकारी मांगने पर उसे पिछड़ा वर्ग की छात्रा बताया गया। अब उसके परिवार की आय ज्यादा बताकर पिछड़ा वर्ग की सूची से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जबकि छात्रा अधिकारियों को मेल करके यह कह रही है कि वह सामान्य श्रेणी से ही है उसे आरक्षण नहीं दाखिला चाहिए। मामला उच्च शिक्षा विभाग की ओर से महाविद्यालयों में ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया से जुड़ा है।

कुरुक्षेत्र की छात्रा नितिका ने बताया कि उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग की ओर से महाविद्यालयों में कराई जा रही दाखिला प्रक्रिया में भाग लिया था। उन्होंने बीकॉम में सामान्य श्रेणी से दाखिला के लिए आवेदन किया है। 27 जून को जारी सूची में उनका नाम दयानंद महाविद्यालय कुरुक्षेत्र की सूची में आया। जहां उन्होंने अपने दस्तावेज दिखा दिए। कॉलेज प्रशासन ने भी दस्तावेजों को जांच के बाद ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए भेज दिया। जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सूची जारी की गई जिसमें उसका नाम नहीं आया। नितिका ने बताया कि उनकी मेरिट 83 फीसद है। कॉलेज की मेरिट सूची में उनसे नीचे कई छात्राओं के नाम हैं। जिससे उन्हें विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह हुआ।

दो बार की हेल्प लाइन पर मेल

नितिका के पिता राकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में सात जुलाई को दोपहर 12 बजे विभाग को मेल की थी कि उनका सूची में नाम क्यों नहीं है। जबकि उनसे कम मेरिट वाले विद्यार्थियों का नाम दिया गया है। मेल के जवाब में मेल आया कि पिछड़ा वर्ग के लिए आपकी आय ज्यादा है। इसलिए आपको आरक्षण नहीं मिल सकता। उसके बाद उन्होंने दोबारा मेल की है कि वे आरक्षित श्रेणी में नहीं बल्कि स्वर्ण जाति से हैं और उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए। इसलिए आय का कम या ज्यादा होना मायने नहीं रखता। इसके बाद भी विभाग की ओर से वही रटा रटाया जवाब आया कि प्रदेश सरकार की ओर से दो स्लैब बनाए हैं। जिनमें तीन लाख से कम आय वाले छात्रों को पिछड़ा वर्ग में पहले आरक्षण प्राप्त होता है।


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