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गोवंश पर दिनभर चला हाई वोल्टेज ड्रामा, शाम को 20 गोवंश नैन गोशाला में छोड़े

शहर की सड़कों से गोवंश गोशालाओं में ले जाने को लेकर शहरवासियों और अधिकारियों के बीच दिनभर ढाई घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। निगम कमिश्नर ओमप्रकाश ने छुट्टी के दिन अधिकारियों को बुलाकर संगठनों के साथ एक घंटे मीटिग में गोवंश को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला लिया। पशुपालन विभाग के अधिकारी को भी बुलाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 08:30 AM (IST)
गोवंश पर दिनभर चला हाई वोल्टेज ड्रामा, शाम को 20 गोवंश नैन गोशाला में छोड़े

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर की सड़कों से गोवंश गोशालाओं में ले जाने को लेकर शहरवासियों और अधिकारियों के बीच दिनभर ढाई घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। निगम कमिश्नर ओमप्रकाश ने छुट्टी के दिन अधिकारियों को बुलाकर संगठनों के साथ एक घंटे मीटिग में गोवंश को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला लिया। पशुपालन विभाग के अधिकारी को भी बुलाया गया। डॉ. अशोक कुमार ने बैठक में ही गोवंश उठाने की जिम्मेदारी नगर निगम की होने की कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने सोनीपत में नगर निगम की दो गोशालाओं का उदाहरण भी दिया। गोशाला प्रबंधन के पहले से ही हाथ खड़े करने पर अधिकारी व शहरवासी पुरानी कोर्ट स्थित जिला की उप जेल में गोशाला बनाने के लिए निरीक्षण करने पहुंचे। यहां गोशाला बनाने की संभावना नजर नहीं आई। शहरवासियों का दबाव पड़ा तो शाम को गोवंश उठाने को नगर निगम व पशुपालन विभाग आगे आया। करीब 20 गोवंश शहरवासियों के सहयोग से नैन गोशाला पहुंचाई गई।

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निगम की चार एकड़ पर गोशाला का फैसला, अधिकारी बोले अभी संभव नहीं

कमिश्नर ओमप्रकाश ने बताया कि शहर की सड़कों पर गत दो महीने से एकाएक गोवंश की संख्या बढ़ गई है। अकेले नगर निगम या सरकारी अधिकारी कुछ नहीं कर सकते। समाज के सहयोग से गोवंश को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सकता है। नगर निगम की बरसत रोड पर चार एकड़ जमीन है। यहां बुचड़खाना बनाया जाना था। अब अस्थायी या स्थायी गोशाला बनाई जा सकती है। उन्होंने एक्सईएन को इसका मिट्टी से भराव कराने और चार दीवारी कराने के आदेश दिए। शहर में डेयरियां पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए। एक्सईएन राहुल पुनिया ने बताया कि धान के सीजन में खेतों से गोवंश शहर में आ जाता है। मच्छरों से बचने के लिए शाम को सड़कों पर उतर आते हैं। संगठन बोले निगम जिम्मेदारी निभाए, नहीं तो दफ्तर में बांध देंगे

वार्ड-20 के पार्षद लोकेश नांगरू, समाजसेवी गौरव लिखा और एडवोकेट मेहूल जैन समेत एक दर्जन समाजसेवी बैठक में पहुंचे। लोकेश नांगरू ने बताया कि मॉडल टाउन ने सवा सौ गोवंश घूम रहा है। इससे हादसे होने का डर रहता है। गौरव लीखा ने बताया कि शहर की हर गली और सड़क पर गोवंश है। एक्सीडेंट में गोवंश की मौत हो रही है। एडवोकेट मेहूल जैन ने बताया कि गोवंश के लिए निगम को कुछ करना होगा। ऐसा नहीं करते हैं तो वे सोमवार को गोवंश कार्यालय के बाहर बांधने को मजबूर होंगे। कुनाल कपूर ने बताया कि गत दिनों टोल प्लाजा पर ट्रक की चपेट में आने से गोवंश घायल हो गया था। उसको शहर की गोशाला प्रबंधन की पूरी रात खुशामद करनी पड़ी थी। कोई भी इनको लेने को तैयार नहीं था। गोशालाओं में नहीं जगह, प्रबंधन हाथ खड़े कर रही

शहर की गोशालाओं की प्रबंधन गोवंश लेने को तैयार नहीं हैं। यहां पहले से ही गोशाला फुल हैं। नैन गोशाला में जगह तो हैं, लेकिन यहां पर्याप्त शेड नहीं हैं। पशुपालन विभाग के वीएस डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि 52 एकड़ में से 22 एकड़ में शेड व दूसरे प्रबंध किए जाने हैं। गोशाला में इन सबकी व्यवस्था होने में छह महीने ओर लगेंगे। चार गाड़ियां लेकर शाम को शुरू किया अभियान

समाजसेवियों ने निगम की टीम के साथ रविवार शाम को जीटी रोड से गोवंश को उठाकर नैन गोशाला में ले जाना शुरू किया। यहां से गोवंश सेक्टर-13-17 की तरफ चला गया। समाजसेवियों और निगम कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद करीब 20 गोवंश को गाड़ी से नैन गो अभयारण्य में ले जाया गया। गौरव लीखा व एडवोकेट मेहूल जैन ने बताया कि अब हर रोज इसी तरह अभियान चलाया जाएगा।


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