दावों की हकीकत, सात डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे ठिठुरती जिंदगी Panipat News
हाड़ कंपकपा देने वाली ठंड के बीच फुटपाथ पर मौत के साये में असहाय लोग रात बिताने को मजबूर हैं। बावजूद प्रशासन की नजर में सब ठीक है।
पानीपत, जेएनएन। पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों का तापमान शून्य डिग्री की तरफ बढ़ रहा है। प्रशासन और नगर निगम असहाय और बेसहारा लोगों के लिए रेन बसेरे तो दूर अलाव तक का व्यवस्था नहीं कर पाया है। हाड़ कंपकपाती सर्दी में असहाय लोग खुले आसमान में रात काटने को मजबूर हैं। शहर में सैकड़ों लोग रोजाना फुटपाथ और फ्लाईओवर के नीचे सोते हैं। इनमें से अधिकतर के पास कंबल तक भी नहीं है। अलाव ही इनका सहारा है। दैनिक जागरण ने मंगलवार की रात को शहर में रैन बसेरों की पड़ताल की तो रोंगटे खड़े कर देने हालात नजर आए।
संजय चौक फुटपाथ
संजय चौक फुटपाथ पर लाइन लगाकर लोग बैठे हैं। दिनभर पेट भरने के लिये मशक्कत के साथ लकड़ी और गत्ता एकत्रित किए हुए। कंबल तक पास नहीं होने के कारण टोलियों में बैठकर आग सेकते नजर आए। हालांकि ये लोग इतनी लकड़ी और गत्ता एकत्रित नहीं कर पाते, जिसके सहारे पूरी रात गुजारी जा सके। लोगों को प्रशासन की मदद का इंतजार है।
रेलवे स्टेशन
रेलवे स्टेशन के बाहर लोग पन्नी की तिरपाल ओढ़कर सोते मिले। हर बार समाजसेवी संस्थाएं गर्म कपड़े और कंबल बांटने के लिए आगे आती हैं, लेकिन इस बार लोगों इन फरिश्तों का अभी तक इंतजार कर रहे हैं। यहां लोगों के पास ओढऩे के लिए कंबल ही नहीं, बिछाने के लिए कपड़ा तक भी नहीं है। बर्फ की जमीन पर पन्नी ओढ़कर ही रात काटने को मजबूर हैं।
रेलवे रोड यू टर्न
रेलवे रोड यू टर्न पर भी असहाय लोग फ्लाइओवर के नीचे केवल एक कंबल के सहारे सर्दी से बचने का प्रयास करते दिखे। यहां भी लोगों के पास जमीन पर बिछाने के लिए कुछ नहीं मिला।