हरियाणा में धूल भरी आंधी, फिर बदलेगा मौसम का मिजाज, दो दिन होगी बारिश
हरियाणा में मौसम का मिजाज जल्द बदलेगा। इससे पहले धूम भरी आंधी चलेगी। हरियाणा पंजाब व दिल्ली में गरज के साथ बरसात व धूल भरी आंधी चलने की संभावना बनी। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक बारिश होने से गर्मी से आंशिक राहत मिलेगी।
करनाल, जागरण संवाददाता। भीषण गर्मी व लू की मार झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मौसम विभाग ने 12 व 15 अप्रैल को दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभाावना जताई है। जो 13 से 17 अप्रैल तक राहत प्रदान कर सकते हैं। पहाडि़यों पर पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी मैदानों पर प्री-मानसून गतिविधियां देंगी गर्म मौसम से कुछ राहत देंगे। मार्च के महीने में लगभग चार से पांच पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय तक पहुंचे। उनमें से कोई भी सक्रिय नहीं था और उत्तर भारत की पहाड़ियों पर बारिश या बर्फबारी के रूप में कोई महत्वपूर्ण मौसम गतिविधि देने में सक्षम नहीं था। अप्रैल के पहले दस दिनों में भी कोई महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ नहीं देखा गया है। पश्चिमी और उत्तर-पश्चिम दिशा से शुष्क और गर्म हवाएँ उत्तरी मैदानी इलाकों में जारी रहीं, जिससे कई स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही। हिमाचल प्रदेश के जम्मू संभाग और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भी लू देखी गई।
हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में 12 अप्रैल तक तेज धूप जारी रह सकती है। यह उत्तरी मैदानी इलाकों को प्रभावित करने वाली गर्मी की लहरों के सबसे लंबे दौरों में से एक हो सकता है। एक पश्चिमी विक्षोभ के 12 अप्रैल की रात को पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचने की उम्मीद है और दूसरा पश्चिमी विक्षोभ 15 अप्रैल के आसपास होगा। 13 अप्रैल से पश्चिमी हिमालय में बारिश और गरज के साथ मुख्य गतिविधियां शुरू होंगी। 13 से 17 अप्रैल के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बारिश, धूल भरी आंधी और हल्की गरज के साथ छिटपुट प्री-मानसून गतिविधियाँ हो सकती हैं। उस अवधि के दौरान उपरोक्त क्षेत्रों से गर्मी की लहर कम हो सकती है।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय विदर्भ से दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक एक निम्न दबाव की रेखा मराठवाडा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटका होकर गुजर रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जो मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैल रहा है। 12 अप्रैल की रात तक पश्चिमी हिमालय के पास एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है।