HSSC- तस्वीरों में ग्रुप डी परीक्षा, जनेऊ और मंगलसूत्र तक उतरवा दिए
ग्रुप डी परीक्षा के लिए जिस तरह की तैयारी की गई वह चौंकाने वाली थीं। किसी का जनेऊ उतरवाया तो किसी का मंगलसूत्र। वजह रही नकलरहित परीक्षा का लक्ष्य।तस्वीरों में जानिए क्या है खास।
जेएनएन, पानीपत: महिलाओं के गले से मंगलसूत्र उतारे जा रहे थे तो पुरुषों का जनेऊ और कलावा तक खुलवा लिया गया। देखने वालों में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। लेकिन बेरोजगारी के आगे सभी बेबस थे। पढि़ए दैनिक जागरण की ये खबर। साथ ही देखिए, हर तस्वीर।
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से ग्रुप-डी की परीक्षा शुरू हो चुकी है। पानीपत में परीक्षा के पहले दिन सुबह का सत्र शांतिपूर्वक हुआ। पहले सत्र में 20186 अभ्यर्थी में से करीब 20 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे। प्रशासन और पुलिस अधिकारी इस दौरान चौकस रहे। सुबह के वक्त शहर में कहीं पर भी जाम नहीं लग सका।
सात बजे से जुटने लगी थी भीड़
अभ्यर्थी शनिवार सुबह करीब 7 बजे ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना शुरू हो गए। पुलिस ने हर अभ्यर्थी को बारीकी से जांच पड़ताल कर अंदर दाखिल होने दिया। कई अभ्यर्थी अपने साथ लाए बैग व अन्य सामान को आसपास की दुकानों पर रखकर केंद्र में दाखिल हुए। सुबह नौ बजे तक अधिकतर अभ्यर्थी केंद्र में दाखिल करा दिए गए।
सुरक्षाकर्मी को अपना सामान सौंपते अभ्यर्थी।
पानीपत में 47 तो समालखा में 25 परीक्षा केंद्र
इसके बाद अंदर उनके थम इंप्रेशन लेने की प्रक्रिया चली। निर्धारित समय 10:30 बजे परीक्षा शुरू करा दी गई। अभ्यर्थियों के साथ आए परिवार के सदस्य केंद्र के आसपास बैठकर समय बिताने लगे। कमीशन ने पानीपत शहर में 47 और समालखा में 25 परीक्षा केंद्र बनाए हैं।
परीक्षा देने आए अभ्यर्थी को कपड़े उतारकर जनेऊ तक उतारना पड़ा।
होना पड़ा शर्मसार
ग्रुप डी की परीक्षा देने आए अभ्यर्थी को शर्मसार होना पड़ा। नियमों का हवाला देते हुए अभ्यार्थी दीपक कुमार को जनेऊ उतारने के लिए कहा गया। सभी के सामने कपड़े उतारकर दीपक ने जनेऊ निकाला। वहीं नरवाना की पिंकी सहित कई महिलाओं के मंगल सूत्र निकलवाया गया। अधिकारियों ने कहा वह नियमों में बंधे। परीक्षा को लेकर शहर में स्थापित किए गए 67 परीक्षा केंद्र।
परीक्षा केंद्र के बाहर पड़े कलावा और जनेऊ ।
ये भी जानें
कुरुक्षेत्र में दो सत्रों में परीक्षा के पहले दिन 14 हजार 244 बच्चे 51 केंद्र बनाए गए। वहीं कैथल में 35 शिक्षण संस्थानों में 43 केंद्रों पर 22 हजार 996 उम्मीदवारों की तैयारी की गई।
परीक्षा केंद्र के बाहर लिस्ट में नाम चेक करते अभ्यर्थी।
अंबाला में 92 परीक्षा केंद्र
यमुनानगर 68 केंद्रों में 44 हजार अभ्यर्थियों के लिए व्यवस्था है। अंबाला में 92 परीक्षा केंद्रों पर 25 हजार अभ्यर्थी पहुंचे।
पानीपत जीटी रोड में लगा जाम।
जाम से यातायात बेहाल
परीक्षा के चलते जीटी रोड पर जाम लग गया। सुबह शहरवासियों और बाहर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जीटी रोड में जाम लगने से परीक्षा केंद्र में पहुंचने के लिए अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
परीक्षा केंद्र के पास रखे बैग।
इनकी तो बल्ले-बल्ले
परीक्षा केंद्रों के आसपास दुकानदारों की बल्ले बल्ले रही। अभ्यर्थियों के बैग रखने के लिए उन्होंने बकायदा शुल्क तक वसूला। पानीपत में एसडीवीएम स्कूल के पास अभ्यर्थियों से 30-30 रुपये तक लिए गए। वहीं गहने रखने के लिए भी अच्छी खासी फीस ली गई।
सास ने संभाला बच्चा।
पति और सास संभाल रहे बच्चा
परीक्षा चंडीगढ़ निवासी नीतू की है, लेकिन टेंशन में उसके पति सुमित दिख रहे हैं। यही हाल झज्जर निवासी इंदू के पति रवींद्र, भिवानी निवासी पूजा के पति रवि का भी है। छोटे बच्चे को मां के बिना संभालना कुछ मिनट भी मुश्किल हो जाता है। अब ऐसे में अगर अकेले पिता को दो घंटे तक बच्चों को संभालना पड़े तो सिर में दर्द तो होगा ही। इसी तरह सास भी बच्चों को संभाल रही हैं, ताकि बहू नौकरी लग जाए।
परीक्षा केंद्र पर पहुंची दिव्यांग।
चेकिंग दिव्यांगों की भी हुई
दिव्यांगों को भ्ाी पूरी चेकिंग के बाद ही जाने दिया गया। दूसरी तरफ, जींद निवासी प्रीति और उनके पति दोनों की परीक्षा एक ही दिन आ गई। कर्मचारी चयन आयोग ने पति का परीक्षा केंद्र फरीदाबाद दे दिया और प्रीति का कुरुक्षेत्र। ऐसे में नन्हें बच्चे को संभालने के लिए प्रीति की माता कांता देवी जींद से उनके साथ आई।
पत्नी गई थी परीक्षा देने, पति ने संभ्ााला बच्चा।
पति बोले, पत्नी की नौकरी लग जाए
कांता रानी ने बताया कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी परीक्षा की तैयारी करके सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया और वे चाहती है कि वह इस परीक्षा में चयनित हो जाए। कांता ने बताया कि प्रीति के पति की परीक्षा फरीदाबाद में है। कुरुक्षेत्र में पति ने कहा कि वह बच्चे को संभाल रहे हैं। यह तो अच्छी बात है। उनकी पत्नी की नौकरी लग जाए बस।
इस तरह झेलनी पड़ी मुसीबत।
बाली उतारने में हुई तकलीफ
नाक और कान की बाली उतारने में सबसे ज्यादा तकलीफ हुई। जिन महिलाओं ने वर्षों से बाली को नहीं निकाला था, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हुई। कहीं पति बाली और कोका उतरवाने में मदद कर रहे थे, तो कहीं सेंटर के बाहर महिला पुलिस ने मदद की।