हड़ताल खत्म, विरोध शुरू, आखिर अब क्या है वजह
सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। हाई कोर्ट के दखल के बाद हड़ताल पर बैठे रोडवेज कर्मी काम पर लौट आएं हैं, लेकिन अब अस्थायी कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है।
जेएनएन, पानीपत: हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने भले ही राहत की सांस ली हो, लेकिन मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। हड़ताल के दौरान रोडवेज में लगाए गए अस्थायी चालक और परिचालकों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद रोडवेज कर्मचारी हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आए। कर्मचारी शनिवार सुबह काम पर लौटते ही बसें लेकर रूटों की ओर रवाना हो गए। रोडवेज हड़ताल खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों के ड्यूटी ज्वाइन करते ही स्थानीय डिपो अधिकारियों ने लगभग 130 अस्थायी चालकों को रिलीव किए जाने की बात कही।
अस्थायी चालकों ने मांगा काम
पानीपत में अस्थायी चालकों ने तीन माह तक काम देने की मांग की। मांग न मानने पर सामान्य अस्पताल परिसर में हड़ताल पर बैठ गए। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे।
हड़ताल के समय किए गए थे भर्ती
रोडवेज कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद विभाग द्वारा अस्थायी चालकों, एसपीओ को भर्ती किया गया था। जिससे बसों का आवागमन जारी रहा। अस्थायी चालकों का कहना है कि आवेदन फार्म लेते समय स्थानीय डिपो अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें तीन माह तक स्थायी रोजगार देने की बात कही थी। जबकि दूसरी ओर अधिकारियों का दावा है कि अस्थायी चालकों को पक्के कर्मचारियों के हड़ताल जारी रहने तक ड्यूटी देने की बात बताकर ही अस्थायी चालकों को बसें चलाने का काम सौंपा गया था।
विरोध जताते रोडवेज में लगे अस्थायी कर्मी।
धरने पर बैठे तो पुलिस ने धमकाया
अस्थायी चालकों ने शुक्रवार सुबह बस स्टैंड परिसर में एकत्रित होकर नारेबाजी शुरू की तो बस अड्डा चौकी और सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। थाना प्रभारी विक्रांत ने अस्थायी चालकों को एस्मा एक्ट की पालना करने के निर्देश दिए। अवहेलना करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। जिसके बाद अस्थायी चालक सामान्य अस्पताल परिसर में जाकर हड़ताल पर बैठ गए।
लेटर या नोटिस नहीं, केवल जुबानी आदेश दे हटाया
पानीपत के अस्थायी चालक राकेश ने बताया कि वह उन्हें कोई लेटर या नोटिस नहीं दिया गया। सुबह डीआइ कपूरचंद से मिले तो उन्होंने रोडवेज हड़ताल खुलने की बात कही। अस्थायी चालकों को घर लौटने के लिए कहा। विभाग द्वारा उन्हें दोपहर 12 बजे तक भी कोई नोटिस या लेटर नहीं दिया गया था।