Haryana Local Body Polls 2022: मतगणना के बाद एक माह के अंदर जमानत राशि वापस लेने के लिए करना होगा आवेदन
नगर परिषद और नगर पालिका के चुनाव को अब 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन जमानत राशि वापस लेने के लिए कोई नहीं आ रहा है। वहीं एक मतगणना के एक महीने के अंदर जमानत राशि के लिए आवेदन करना होता है।
जींद, जागरण संवाददाता। नगर परिषद में पार्षद पद का चुनाव लड़ रहे 122 में 45 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। वहीं नगर परिषद जींद प्रधान पद का चुनाव लड़ने वाले 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी। प्रधान पद के केवल तीन प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके थे।
जमानत जब्त होने पर 45 पार्षद पद के प्रत्याशियों और 10 प्रधान पद के प्रत्याशियों की जमानत राशि रिटर्निंग अधिकारी की तरफ से जब्त की गई है। चुनाव आयोग की तरफ से नामांकन के समय प्रत्याशियों से जमानत राशि जमा कराई जाती है। महिला प्रधान पद प्रत्याशी के लिए 1500 रुपये जमानत राशि निर्धारित की गई थी।
चुनाव में प्रत्याशी को जमानत बचाने के लिए कुल मतदान के आठवां हिस्से के वोट लेने होते हैं। चुनाव के बाद जमानत बचाने वाले भी काफी प्रत्याशी जमानत राशि लेने के लिए नहीं आते। साल 2016 में हुए नगर परिषद चुनाव में जीत हासिल करने वाले अधिकतर पार्षदों ने भी जमानत राशि वापस लेने के लिए अप्लाइ नहीं किया था। जो पार्षद पहली बार चुनकर आते हैं, उनमें से अधिकतर को जमानत राशि वापस लेने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होती है।
चुनाव परिणाम के बाद एक माह के अंदर प्रत्याशी को जमानत राशि वापस लेने के लिए अप्लाइ करना होता है। इस बार जींद नगर परिषद के चुनाव में पार्षद पद के 77 और प्रधान पद के तीन प्रत्याशियों सहित कुल 80 प्रत्याशियों की जमानत बची थी। मतगणना 22 जून को हुई थी, उसके बाद 12 दिन बीत चुके हैं। केवल तीन-चार प्रत्याशियों ने ही जमानत राशि वापस लेने के लिए अप्लाई किया है।
निर्धारित समय में जमानत राशि वापस लेने के लिए अप्लाई नहीं करने वालों को बाद में जमानत राशि वापस नहीं मिलेगी। वहीं पार्षद पद के 45 प्रत्यािशियों की कुल 75 हजार रुपये और 10 प्रधान पद की प्रत्याशियों की 15 हजार रुपये जमानत राशि जब्त हुई है।