हरियाणा के सरकारी शिक्षकों को घूमना है कनाडा, ऑस्ट्रेलिया...दे रहे ऐसे-ऐसे तर्क
करीब 650 टीचरों ने विदेश जाने के लिए किया आवेदन। कई टीचरों ने विदेश में बीमार माता-पिता व बच्चों से मिलने का तर्क दिया। कनाडा आस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड दुबई जाने की चाहत।
पानीपत, जेएनएन। गर्मी की छुट्टियां आने वाली हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों में इस बार विदेश घूमने का क्रेज है। हरियाणा के 650 शिक्षकों ने विदेश जाने के लिए शिक्षा विभाग से अनुमति मांगी है। एनओसी लेने के लिए तर्क दिया है कि विदेश में उनकी मां रहती है, जो इन दिनों बीमार है। इसी तरह किसी ने तर्क दिया है कि भाई से मिलना है। ज्यादातर टीचरों ने कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दुबई व अन्य देशों में जाने का प्लान बनाया है।
दरअसल शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी राजकीय टीचरों, अन्य स्टाफ व अधिकारियों को विदेश जाने से पहले निदेशक से एनओसी लेनी पड़ती है। एनओसी मिलने के बाद ही कोई टीचर घूमने या फिर अन्य कार्यों के लिए विदेश जा सकता है। जो टीचर विदेश जाना चाहता है, उसे अपने स्कूल इंचार्ज के पास आवेदन करना होता है। इंचार्ज से ये फाइल बीईओ, डीईओ और फिर निदेशक के पास जाती है।
एनओसी के लिए टीचरों ने दिए कई तर्क
टीचरों ने विदेश जाने के लिए विभिन्न प्रकार क तर्क दिए हैं। जिन्हें घूमने जाना था, उन्होंने तो फाइल में टूरिज्म लिखा है। कई टीचरों ने फाइल में विदेश में अन्य परिजनों के साथ रह रही बीमार मां व पिता से मिलने जाना है, विदेश में रह रहे बच्चों व भाई से मिलने जाना है, आदि तर्क दिए हैं।
शिक्षा विभाग इन शर्तों पर देता है मंजूरी
- शिक्षा विभाग से छुट्टी मंजूर होने के बाद ही विदेश जा सकते हैं।
- विदेश जाने से पहले चार्ज स्कूल को हैंडओवर करना पड़ेगा।
- विदेश जाकर कोई भी सरकारी या गैर सरकारी जॉब नहीं कर सकते।
- विदेश जाने से राज्य सरकार पर किसी तरह का वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
- विदेश में रहने के दौरान छुट्टी को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
- विदेश में भारतीय संविधान व नियमों की पालना करनी होगी।
- विदेश जाने से सरकारी रिकार्ड पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप