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कुदरती सौगात से नवाजेगा हरियाणा का पहला आक्सी-वन, कोरोना से लडऩे में होंगे मददगार

कोरोना संक्रमण में लोगों की सेहत को ध्‍यान में रखते हुए सरकार स्‍वास्‍थ्‍य संसाधनों के साथ-साथ प्रकृति की तरफ भी ध्‍यान दे रही। सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा का पहला ऑक्‍सी वन दिया है। इसके तहत साढ़े चार लाख पौधे लगेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:49 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:49 AM (IST)
करनाल में ऑक्‍सीजन वन की सौगात मिली।

करनाल, [यशपाल वर्मा]। कोरोना संक्रमण से नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती, लेकिन इससे बचाव के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदम सराहनीय हैं। प्राणवायु आक्सीजन की बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से करनाल में प्रदेश के पहले आक्सी-वन पार्क के रूप में अनूठी कुदरती सौगात दी गई है।

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करनाल में पुरानी मुगल बादशाही नहर (ओल्ड मुगल कैनाल) पर सेक्टर-चार से लेकर मधुबन तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच करोड़ रुपये की लागत से करीब 4. 5 किलो मीटर लंबा, 200 फीट चौड़ा तथा 40 हेक्टेयर भूमि पर आक्सी-वन पार्क बनाया जा रहा है। हवा की गुणवता में सुधार के लिए यह प्रोजेक्ट अहम है। वन विभाग के अनुसार करीब साढ़े चार लाख पौधों को रोपा जाएगा। सड़क के दोनों तरफ सुंदर फूल और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। शहर की 3.90 लाख आबादी के स्वास्थ्य के लिए मुख्यमंत्री का प्रयास सराहनीय है।

वन विभाग की जमीन से हटाए कब्जे

वन विभाग की 40 हेक्टेयर भूमि पर आक्सी-वन पार्क के लिए चयनित किया गया है। पुरानी मुगल बादशाही नहर (ओल्ड मुगल कैनाल) से लेकर सेक्टर-चार से मधुबन तक साढ़े चार किलोमीटर में करीब 20 से अधिक अस्थायी कब्जों को हटाया गया है। जिला वन अधिकारी नरेश कुमार रंगा के अनुसार कुछ लोगों ने विभाग की जमीन पर रास्ते निकाले हुए थे, जबकि एक फैक्ट्री संचालक ने मुख्य एंट्री बना रखी थी। अस्थायी कब्जों में कुछ लोगों ने खोखे रखे थे, जिन्हें हटा दिया गया है। उच्चाधिकारियों से प्रोजेक्ट को अनुमति मिल चुकी है। अब शहर के लोगों को साढ़े चार लाख पौधों से स्वच्छ वातावरण मिलेगा।

कोरोना की तीसरी लहर पर नियंत्रण का प्रयास

पर्यावरण प्रेमी एसडी अरोड़ा कहते हैं कि अधिक पौधों वाले क्षेत्र में कोरोना के मरीजों की संख्या कम रही है, जबकि क्रंकीट के क्षेत्रों में आक्सीजन लेवल कम आंका गया। शहर को स्मार्ट बनाने में आक्सी-वन पार्क बड़ा काम करेगा। उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि आक्सी-वन पार्क में नौ प्रकार के वन विकसित किए जाएंगे। इनमें सुगंध सुवास( सुगंध वन), पाखी वन (पक्षी वन), नीर वन (झरना वन), तपो वन (ध्यान का वन), अंतरिक्ष वन (नक्षत्र वन), आरोग्य वन (स्वास्थ्य वन), चित वन (सौंदर्य वन), स्मरण वन (स्मृति वन), ऋषि वन (सप्तऋषि वन) शामिल हैं। इन वनों में विभिन्न प्रकार के फल-फूल, छायादार तथा आरोग्य औषधी के पौधे रोपित किए जाएंगे।

हरियाली बढ़ाने में इन विभागों का सहयोग

जिला वन अधिकारी नरेश कुमार रंगा ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद इस प्रोजेक्ट के प्रति गंभीर हैं। इसे सिरे चढ़ाने के लिए वन विभाग, केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नगर निगम के अधिकारियों की भागीदारी रहेगी। इन वनों में एम्फी थिएटर का निर्माण किया जाएगा, जहां कलाकार प्रस्तुति देंगे।

अलग-अलग वन में औषधीय पौधे बनेंगे वरदान

चित वन में विभिन्न मौसमों में फूल खिलने वाले पौधे जैसे आर्किड टी (कचनालर), इंडियन लैबर्नम (अमल्तास), प्राईड आफ इंडिया, रेड सिल्क काटन ट्री (सीमल), इंडियन कोरल, सीता अशोक, जावा कैसिया, लाल गुलमोहर, गोल्डन शावर, पैशन फ्लावर, जैसे सजावटी और फूल वाले पौधे लगाए जाएंगे। पाखी वन में पीपल, बरगद, पिलखन, नीम आदि के पौधे होंगे, आंतरिक्ष वन में जंगल की आग(पलाश/ढाक), कटहल, गुलर, आंवला, कृष्णा नील, चैम्पा, खैर व बेल पत्थर जैसे पौधे होंगे। आरोग्य वन में तुलसी, आश्वगंधा, नीम, एलोवेरा, हरड़, बेहड़ा, आंवला आदि औषधीय पौधे होंगे। सुगंध वाटिका में चमेली, रात की रानी, दिन का राजा, पारिजात, चम्पा, गुलाब, हनी स्कल व पैसी फलौरा आदि पौधे होंगे।


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