सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने को जुटे 21 किसान संगठन, देश भर में एक साथ संघर्ष की तैयारी
कुरुक्षेत्र में कृषि कानून को लेकर शुरू हुए विरोध के बाद अब कई राज्यों के किसान संगठन सक्रिय हो गए हैं। बृहस्पतिवार को राजस्थान मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित कई प्रदेशों के 21 किसान संगठन की बैठक कुरुक्षेत्र में हुई।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कृषि कानून का विरोध अब तेज होता जा रहा है। कुरुक्षेत्र में एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर एक बैठक हुई। इसमें दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से 21 किसान संगठन के लोग पहुंचे। इस बैठक में देश भर में एक साथ किसान आंदोलन की शुरुआत करने की रणनीति तैयार की गई।
कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन की ओर से वीरवार को बुलाई गई बैठक की शुरुआत में ही इन कानूनों के खिलाफ संघर्ष करने का फैसला ले लिया गया है। इस फैसले पर सभी ने सर्वसम्मति जताते हुए संघर्ष की रणनीति तैयार करने पर सहमति जताई है। कुरुक्षेत्र की कांबोज धर्मशाला में चल रही बैठक में कई राज्यों से 21 के करीब किसान संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं।
बैठक में सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने आगामी रणनीति को लेकर सुझाव लिए जा रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार जयवीर रंगा को बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है।
बैठक की शुरुआत में ही भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सभी संगठनों के सामने संघर्ष का प्रस्ताव रखा। इस पर सभी सहमति जताते हुए इसे पास कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया है। अब सभी संगठनों के पदाधिकारी संघर्ष की रणनीति को लेकर अपने सुझाव देंगे।
बैठक में पहुंचे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान अपने हकों के लिए संघर्ष करे और जो भी राजनीतिक दल उनकी अनदेखी करता है वह भी उसका बहिष्कार करें। राजस्थान से आए किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि किसानों को अपने हक के लिए एकजुट होकर कड़े फैसले लेने होंगे।
राजस्थान से ग्रामीण किसान मजदूर समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू ने कहा कि अब अलग- अलग नहीं एक होकर कृषि कानूनों को विरोध करेंगे। इस बैठक में राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पंजाब से करीब 21 किसान संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे हैं। इस मौके पर भाकियू की छात्र विंग के प्रदेशाध्यक्ष डा. मनोज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
हो सकता है कोर कमेटी का गठन
बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर आंदोलन करने के लिए कोर कमेटी का गठन किया जा सकता है। यही कोर कमेटी रणनीति पर फैसला ले सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि बैठक शुक्रवार को भी जारी रहे। इसके लिए भाकियू ने धर्मशाला में कई कमरे बुक कर रखे हैं।