सीवन के खरबूजे की डिमांड, कम पैसा लगा किसान कमा रहे मोटा मुनाफा, खेतों से ले जा रहे व्यापारी
कैथल के सीवन के खरबूजे की मिठास देश भर में पसंद की जा रही है। यही वजह है कि व्यापारी खेतों तक आ रहे हैं। किसान प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपये कमा रहे हैं। किसानों को मंडियों में खरबूजा बेचने की जरूरत भी नहीं।
कैथल, जागरण संवाददाता। सीवन के खरबूजे की मिठास लोगों को खूब भा रही है। यही कारण है कि सीवन क्षेत्र का मीठा व खुशबूदार खरबूजा की महक प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में फैली है। व्यापारी सीवन के खरबूजा को खेतों से ही खरीदकर ले जाते हैं। इसलिए किसानों को मंडियों में खरबूजा बेचने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
बता दें कि जैसे ही गर्मियों का सीजन शुरू होता है। देशभर से खरबूजे की मांग आना शुरू हो जाती है। सीवन के खरबूजा को दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, यूपी, राजस्थान समेत अन्य कई राज्यों के व्यापारी लेकर जाते हैं। इस बार सबसे ज्यादा डिमांड दिल्ली और मुंबई से आ रही है।
सीवन के किसानों द्वारा क्षेत्र में करीब 600 एकड़ भूमि में खरबूजे की बिजाई की है। सीवन क्षेत्र में अनुकूल वातावरण व मिट्टी होने के कारण बढ़िया किस्म का खरबूजा पैदा होता है। किसान प्रति एकड़ 80 से एक लाख रुपये की कमाई करता है। इसकी मिठास, स्वाद और रंग लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। सीवन क्षेत्र सब्जी और खरबूजे के लिए खासतौर पर जाना जाता है। इस बार खरबूजे की बंपर पैदावार ने किसानों को खुशहाल कर दिया है। अच्छा पानी व अच्छी मिट्टी के कारण सीवन, फिरोजपुर, गोबिदपुरा, खेड़ी गुलाम अली, रसूलपुर, मलिकपुर सहित अन्य गांवों में किसान खरबूजे की खूब खेती करते हैं।
पैदावार मिलती है अच्छी
पिछले कई वर्षों से खरबूजे की खेती कर रहे किसान राजेश रहेजा, अशोक कुमार, जरनैल सिंह, गुरदयाल मलिकपुर, संगीत बंसल, मलकीत सिंह व लक्ष्मी आनंद का कहना है कि पिछले कई सालों से बोबी व गोल्डन गुलेरी नाम के खरबूजे की खेती की जा रही है। इससे पैदावार अच्छी हुई और क्वालिटी भी बेहतरीन देखने को मिल रही है। मांग ज्यादा आने के कारण कई किसान अब खरबूजे की खेती करने लगे हैं। सीवन अब मीठे, खुशबूदार और रंग के खरबूजों के लिए विख्यात हो गया है।