हरियाणा के बिजली मंत्री ने कहा, रेहड़ी वाला भी किसान से ज्यादा कमाता है
हरियाणा के बिजली और जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला यमुनानगर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक रेहड़ी वाला भी आज के समय किसानों से ज्यादा कमा लेता है। पहले किसानों के आंदोलन की बात पहले ही कह दी थी। अब बातचीत से ही मसला सुलझेगा।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। किसान के पास जितनी जमीन है उस हिसाब से उसे कुछ नहीं मिल रहा। मैंने एक साल पहले कह दिया था कि आने वाले दिनों में किसान कोई बड़ा आंदोलन करेंगे। एक रेहड़ी जिसकी कीमत तीन हजार रुपये है, उसका मालिक भी रोजाना तीन हजार रुपये कमाता है। वहीं किसान जिसकी एक एकड़ जमीन की कीमत लाखों रुपये है उसे फिर भी कुछ नहीं मिलता। किसान बच्चों की फीस तक नहीं भर पाता। 500 रुपये के लिए भी भटकता है। बिहार, गुजरात में तो एमएसपी है ही नहीं। इसलिए इस बारे में कोई बात करके हम मामले को उलझाना नहीं चाहते। बातचीत से यह मसला सुलझ जाएगा। ये बातें बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत ङ्क्षसह चौटाला ने मंगलवार को श्रीनगर कालोनी में कहीं।
मंत्री ने कहा कि विदेश में सात फीसद लोग ही खेती करते हैं। हमारे यहां 65 फीसद लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़े हैं। कानून किसी पर थोपा नहीं जाता। संसद में पास होने पर ही कानून बनाए गए। अपनी बात कहने का हर किसी को अधिकार है। बिजली निगम अधिकारियों द्वारा बिजली कनेक्शन के मामले सात दिन में क्लियर नहीं करने पर एसई को आदेश दिए कि यदि 15 दिन बाद शिकायत मिली तो मैं अपने हिसाब से कार्रवाई करूंगा।
मैने सबकी जड़ें हिला दी
चौटाला ने कहा कि जेलों में सुधार करने पर गंभीरता से काम कर रहा हूं। जो जेल अधीक्षक यह कहते थे कि उनकी जड़ें मजबूत हैं। उन्हें कोई नहीं हिला सकता। मैंने उन्हें ठिकाने लगा दिया। 29 जेलों के अधीक्षकों के तबादले किए जो आज तक कभी नहीं हुए थे। डेरा प्रमुख को एक दिन की पैरोल देने पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री व मुझे थी। जेल अधीक्षक को अधिकार है वह दिन निकलने से दिन छिपने तक कैदी को पैरोल दे सकता है। डेरा प्रमुख को पेरोल देनी है या नहीं यह अधिकार जेल अधीक्षक का है।