डेनमार्क की बॉक्सर पर भारी पड़ा हरियाणावी लासू का स्वर्णिम पंच Panipat News
लासू यादव ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मुकाम हासिल किया। फाइनल मुकाबले में विंटर रोषहॉग को 5-0 के अंतर से हराया।
पानीपत/कैथल, [सुनील जांगड़ा]। अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कैथल की बेटी 16 वर्षीय लासू यादव ने गोल्डन पंच लगाते हुए फाइनल में डेनमार्क की बॉक्सर को हरा दिया। 31 जनवरी से दो फरवरी तक स्वीडन के बोरस में जूनियर गोल्डन गर्ल्स अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता हुई थी। इसमें लासू ने 66 किलोग्राम भार वर्ग में डेनमार्क की बॉक्सर विंटर रोषहॉग को 5-0 के अंतर से फाइनल मुकाबले में हराया। इस प्रतियोगिता में देशभर से 11 महिला खिलाडिय़ों ने अलग-अलग भारवर्ग में भाग लिया था।
लासू के गोल्ड जीतने की खुशी में गांव पट्टी अफगान स्थित उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। लासू के पिता रमेश नंबरदार ने कहा कि उसकी बेटी ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर उनका और जिले का नाम रोशन किया है। कोच राजेंद्र कुमार और गुरमीत ङ्क्षसह ने भी घर जाकर लासू के पिता को बधाई दी। लासू मंगलवार को स्वीडन से भारत पहुंचेगी।
ताऊ की बेटी से ली प्रेरणा
लासू के पिता रमेश नंबरदार दो एकड़ जमीन के मालिक हैं। खेतीबाड़ी से ही घर का गुजारा हो रहा है। माता जानकी देवी गृहिणी है। लासू का छोटा भाई 14 वर्षीय कुश भी बॉक्सिंग का खिलाड़ी है। तीन साल पहले दोनों ने बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था। आरकेएसडी में चल रहे बॉक्सिंग खेल सेंटर में लासू कोच राजेंद्र सिंह, कोच गुरमीत सिंह और कोच विक्रम के पास अभ्यास करती हैं। घर में भी अभ्यास के लिए रेत और बुरादा डालकर पंचिंग बैग बनाया हुआ है। लासू के पिता ने बताया कि उसके बड़े भाई की बेटी नेहा यादव अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है। ताऊ की लड़की को मेडल लाते देख लासू ने भी बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था।
- लासू यादव की उपलब्धियां
- गुवाहाटी में 13 से 22 जनवरी तक हुई खेलो इंडिया प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल।
- पानीपत में दिसंबर में हुई डीएवी स्कूल नेशनल बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल।
- कैथल में 8 से 10 नवंबर तक हुए खेल महाकुंभ में सिल्वर मेडल।
- रोहतक में 12 से 18 सितंबर को हुई जूनियर नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल।
- गुरुग्राम में जून में हुई जूनियर स्टेट बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल।