हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने पानीपत को दी सौगात, एग्रो माल में शिफ्ट होगा नगर निगम
हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने पानीपत के लोगों को सौगात दी है। पानीपत नगर निगम का कार्यालय एग्रो माल में शिफ्ट किया जाएगा। सीएम ने पार्षदों की बैठक बुलाई। वहीं पार्षदों ने बताया कि डेवलपमेंट के काम नहीं हो रहे हैं।
पानीपत, जागरण संवाददाता। सीएम मनोहर लाल ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में नगर निगम मेयर व पार्षदों की बैठक ली। बैठक में मेयर अवनीत कौर ने निगम की नई बिल्डिंग का प्रस्ताव रखा। जिसमें सीएम ने तुरंत एग्रो माल की बिल्डिंग को नगर निगम को गिफ्ट के तौर पर दे दिया। सीएम ने कहा कि नगर निगम कागजी कार्रवाई शुरू करे। इसके बाद एक माह के अंदर-अंदर नगर निगम को एग्रो माल में शिफ्ट किया जाएगा।
सीएम के बुलावे पर सभी पार्षद पहुंचे, लेकिन तीन पार्षद पति पहुंच गए। बैठक शुरू होते ही सीएम ने पूछा की पार्षद पति भी आए हैं क्या। जिसमें वार्ड 15 से पार्षद पति अशोक छाबड़ा, वार्ड 22 से पार्षद पति योगेश डावर व वार्ड आठ से पार्षद पति विजय सहगल पहुंचे। इस पर सीएम ने आपत्ति जताई को मौके पर क्लास लगा दी। इसके बाद वार्ड 20 के पार्षद लोकेश नांगरू ने भी सीएम से शिकायत की कि वार्ड में डवलपमेंट के कार्य नहीं हो रहे और किसी भी कार्य का पता नहीं चल रहा।
जेबीएम का डोर टू डोर होगा बंद
सीएम मनोहर लाल को मेयर ने शिकायत की कि जेबीएम डोर टू डोर कूड़ा नहीं उठा रही। जिसके सीएम ने कहा कि अगर ऐसा है तो इनकी सिक्योरिटी जब्त करे और डोर टू डोर बंद करे। निगम अपने हिसाब से व्यवस्था बनाए। जेबीएम पर जुर्माना भी लगाया जाए।
पहली बार ली सीएम ने बैठक
नगर निगम मेयर अवनीत कौर ने कहा कि सीएम मनोहर लाल पहली बार बैठक ली है। नगर निगम को एग्रो माल की नई बिल्डिंग गिफ्ट मिली है।
अभी इन घोषणाओं का इंतजार
10 मई 2015 को समालखा नई अनाज मंडी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम ने पंजाबी धर्मशाला निर्माण की घोषणा की थी। करीब तीन साल बाद धर्मशाला का निर्माण कार्य ऐच्छिक अनुदान के तहत 2018 में बिहोली रोड पर लघु सचिवालय परिसर के नजदीक 90 लाख रुपये की लागत से धर्मशाला के निर्माण की शुरूआत की गई। लेकिन काम कम और ठेकेदार को पेमेंट ज्यादा की शिकायत के बाद मामले में विजिलेंस जांच हुई। तब से निर्माण कार्य अधर में लटका है।
रेलवे रोड पार्क का निर्माण भी अधर में
कस्बे में गोल्डन पार्क इकलौता पार्क है। रेलवे स्टेशन के आस पास के लोगों को भी पार्क की सुविधा मिल सके। इसको लेकर स्टेशन के पास रेलवे की करीब चार एकड़ जमीन में लगभग 1.59 करोड़ की लागत से पार्क का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। चाहरदिवारी व लोहे की ग्रिल लगाने के बाद मिट्टी भरत का काम ही हो पाया। उक्त काम में भी नपा चेयरमैन व अधिकारियों पर सांठगांठ कर ठेकेदार को काम से ज्यादा पेमेंट करने के आरोप लगने पर विजिलेंस ने जांच शुरू की। तब से पार्क का काम भी बंद पड़ा है।