बॉर्डर फिल्म देख जागा देश सेवा का जज्बा, साइंटिस्ट की नौकरी छोड़ लेफ्टिनेंट बना हरियाणवी छोरा
पुलिस लाइन में तैनात सब इंस्पेक्टर टेक चंद का बेटा हरमोहिंद्र सिंह लेफ्टिनेंट बन गया है। बॉर्डर फिल्म देखने के बाद उसमें आर्मी ज्वाइन करने का जज्बा आया।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। पुलिस लाइन में तैनात सब इंस्पेक्टर टेक चंद के बेटे हरमोहिंद्र सिंह का चयन लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। इससे पहले वह इसरो में साइंटिस्ट थे, लेकिन उनका सपना सेना में जाकर देश सेवा करने का था। अब उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया। सात मार्च को पासिंग परेड़ हुई। जिसमें उनके पिता टेक चंद, माता राममूर्ति, बहन प्रीत कौर व भाई भूपेंद्र सिंह भी पहुंचे।
उनके पिता टेक चंद ने बताया कि बेटे हरमोहिंद्र का शुरू से ही सेना में जाने का ख्वाब था। जब वह मात्र पांच साल का था। उस समय बॉर्डर फिल्म आई थी। उसने बॉर्डर फिल्म की कैसेट मंगवाई। यह फिल्म उसे बेहद पसंद थी। कई-कई बार वह बॉर्डर फिल्म देख चुका था। अक्सर यही कहता था कि सेना में जाना है।
अंबाला से की प्राथमिक शिक्षा
हरमोहिंद्र की प्राथमिक शिक्षा अंबाला में हुई। उसके पिता टेक चंद अंबाला के जंडली गांव के रहने वाले हैं। पोस्टिंग के बाद वह यमुनानगर में आकर रहने लगे। इसके बाद की पढ़ाई हरमोहिंद्र ने यमुनानगर से की। मर्हिष वेदव्यास स्कूल से उसने 12वीं की पढ़ाई की। फिर मुकंद लाल नेशनल कॉलेज से नॉन मेडिकल से बीएससी की। 2019 में उसका चयन इसरो के लिए हुआ। यहां पर उसने करीब चार माह ही नौकरी की। उसका सपना सेना में जाने का था। पहले ही प्रयास में वह सफल हो गया और लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ।
मां ने किया प्रेरित
हरमोहिंद्र सिंह ने फोन पर बातचीत में बताया कि इस सफलता में सबसे बड़ा श्रेय उनकी माता का है। वह जब भी सेना में जाने के लिए कहता, तो मां ही उसे प्रेरित करती थी। उनकी प्रेरणा से ही वह इस मुकाम तक पहुंच पाया है। हरमोहिंद्र सिंह का भाई भूपेंद्र सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। जबकि बहन प्रीत कौर साइंटिस्ट है।