हनुमान कर रहे जज बनने की तैयारी, लक्ष्मण पुणे से कर रहे हैं एमबीए
सैनी रामलीला ग्राउंड में 1984 से हो रहा रामलीला का मंचन। अब पढ़े-लिखे युवा निभा रहे हैं ज्यादातर पात्रों का किरदार। मंचन की वजह से बदल गया इनका व्यवहार।
जींद [कर्मपाल गिल] : रामलीला देखने के प्रति भले ही लोगों में एक दशक पहले वाला क्रेज नहीं है लेकिन किरदार निभाने वाले कलाकारों की मंच के प्रति गंभीरता नहीं घटी। पुरानी सब्जी के पास सैनी रामलीला ग्राउंड में 1984 से रामलीला का मंचन हो रहा है। यहां के डायरेक्ट रामनिवास धीमान हैं। राम, लक्ष्मण, सीता सभी ज्यादातर पात्र युवा हैं। इनमें से कुछ पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ नौकरी। दशरथ कारपेंटर का काम करते हैं तो चचेरे भाई राम व रावण एनआइसी में सुपरवाइजर हैं। रामलीला शुरू होने से करीब डेढ़ महीना पहले ये कलाकर रिहर्सल करना शुरू कर देते हैं।
राम के किरदार से बदल गया व्यवहार
सूर्यदेव छह साल से सैनी रामलीला में राम का रोल अदा कर रहे हैं। वह कहते हैं कि राम का किरदार निभाने के कारण अब मेरा व्यवहार भी संयमित हो गया है। पहले थोड़ा बहुत गुस्सा कर लेता था, लेकिन बच्चों व बड़ों से विनम्रता से बात करता हूं। पूरी रामलीला के दौरान जमीन पर सोता हूं। किसी भी विपत्ति के समय मुझे श्रीराम याद आते हैं। रामलीला के बाद भी पूरे साल मैं राम के किरदार को जीता हूं। हर वक्त उनसे सीखता रहता हूं।
हनुमान: एमडीयू से की एलएलबी, जज बनने का सपना
सैनी मोहल्ला निवासी 25 वर्षीय राजदीप आठ साल से रामलीला में विभिन्न किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने इसी साल एमडीयू रोहतक से रेगुलर एलएलबी की है और अब जज बनने की तैयारी कर रहे हैं। राजदीप कहते हैं कि पिता सुभाष रावण का रोल करते थे। उनके साथ रामलीला में आता था। रामचरित मानस, वेद, रामायण, भगवत गीता को पढ़ा है। रामभक्त हनुमान का अभिनय करते हुए अब मेरा भाव ऐसा बनता जा रहा है कि हर इंसान में राम को देखता हूं।
रावण: गाना गाउंगा, तुम मुझे यूं जला न पाओगे
एनआइसी में सुपरवाइजर अभिमन्यु सैनी छह साल से रावण का किरदार निभा रहे हैं। वह कहते हैं कि मैंने आज तक रावण दहन नहीं देखा है। मैं इसके पक्ष में भी नहीं हूं। इस बार मैं मंच पर अपनी आखिरी प्रस्तुति में गाना गाउंगा कि तुम मुझे यूं जला न पाओगे। हमें अपनी बुराइयों को जलाना चाहिए। शंकर से संवाद में रावण कहते हैं कि तुमने मेरा शरीर तामसी बना दिया है, जिससे मैं पूजा-पाठ नहीं कर पाता। राम से दुश्मनी ही मेरी मुक्ति का साधन है।
लक्ष्मण: अब बड़े भाई के आगे नहीं बोलता हूं
पुणे की सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे राहुल सैनी 3 साल से लक्ष्मण का किरदार निभाते हैं। वह कहते हैं यह रोल निभाने से उन्होंने अनुशासन में रहना और खाना-पीना सीखा है। गुस्से पर कंट्रोल हुआ है। घर में बड़े भाई से छोटी-मोटी पर तकरार हो जाती थी। अब राम के अनुज का रोल अदा करने से घर में बड़े भाई के आगे चुप रहता हूं। अभद्र नहीं बोलता हूं। कोई ऊंचा बोलता है तो सहन कर लेता हूं। यह सब रामजी की कृपा से हुआ है।
सीता : एयरटेल के आफिस में हैं कंप्यूटर आपरेटर
सैनी रामलीला में सीता का किरदार निभाने वाले अरुण सैनी एयरेटल कंपनी के आफिस में कंप्यूटर आपरेटर हैं। सीता से पहले अंगद, शत्रुघ्न व लक्ष्मी का रोल भी किया है। सीता के रोल से सीखा है कि वह सती सावित्री थीं और पतिव्रता पर अटल रहीं। पति धर्म का पालन करने के साथ माता का भी रोल निभाया। अरुण कहते हैं कि पहले साड़ी पहनने में दिक्कत होती थी। अब चूड़ी पहनने में परेशानी होती है। इस रोल के लिए डेढ़ महीना पहले प्रैक्टिस शुरू होती है।
दशरथ: अब बिना सोचे कोई वादा नहीं करते
सोलर इन्वर्टर का काम करने वाले पवन चार साल से दशरथ का अभिनय कर रहे हैं। वह कहते हैं कि दशरथ प्रजा का ध्यान रखने वाले राजा हैं। वशिष्ठ जी उनके कुल गुरु हैं।दशरथ ने बिना सोचे कैकेयी को वचन दे दिया और श्रवण पर शब्द भेदी तीर चला दिया। दशरथ के रघु के कुल में वचन की परंपरा रही है। इसीलिए कहा है कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। इस पात्र से यही सीखा है कि बिना सोचे समझे वादा नहीं करना है।