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धूल, धुआं और गैसों के भंवर में शहर

औद्योगिक शहर पानीपत की हवा सांस लेने लायक नहीं रही है शहर की आधी औद्योगिक यूनिट अति संवेदनशील फसल कटाई के सीजन में प्रदूषण खतरे के निशान से ऊपर

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 10:11 AM (IST)
धूल, धुआं और गैसों के भंवर में शहर

जागरण संवाददाता, पानीपत : औद्योगिक शहर पानीपत की हवा सांस लेने लायक नहीं रही है। गेहूं कटाई का काम शुरू होने के साथ धूल भरी आंधी चलने से पीएम-10 सामान्य से आठ माइक्रोमीटर अधिक हो गया है। ऊपर से शहर की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला खतरनाक धुआं हवा में जहर घोल रहा है। केंद्रीय और प्रादेशिक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऐसी औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई भी करता है, बावजूद इसके कुछ उद्योग नियमों को तोड़कर प्रदूषण फैला रहे हैं।

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रबी के सीजन में गेहूं कटाई का सीजन चल रहा है। खेतों में कंबाइन चलने के साथ थ्रेसिग की जा रही है। इधर मौसम में लगातार बदलाव आने से धूल भरी आंधी भी चल रही है। इससे पिछले दो महीनों से सामान्य चल रहा प्रदूषण एक साथ बढ़ गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की माने तो मंगलवार को पीएम 2.5 सामान्य से कम 31.73 माइक्रोमीटर रहा। जबकि पीएम-10 का स्तर 108.07 माइक्रोमीटर है। यह सामान्य से 8.7 माइक्रोमीटर अधिक है। स्टेट पीसीबी का यह है दावा

प्रदूषण रोकने के लिए पहले हरियाणा स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही काम करता था, लेकिन गत एक वर्ष से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी लगातार सतर्कता बरत रहा है।

636 यूनिट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास रजिस्टर्ड हैं।

418 यूनिटों में ईटीपी लगा हुआ है।

550 में एयर कंट्रोल डिवाइस है।

389 यूनिट प्रदूषण फैलाने के मामले में खतरनाक हैं। गत दो महीने सामान्य रहा प्रदूषण

माह पीएम-2.5 पीएम-10

फरवरी 68.70 98.90

मार्च 40.15 98.98

अप्रैल(मंगलवार) 31.73 108.07

नोट:: आंकड़े माइक्रोमीटर में। क्या है पीएम-2.5 और पीएम-10

पीएम-10: इसे रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या इससे भी कम होता है। इसमें धूल, गर्द, धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं।

पीएम-2.5: यह हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। इसका स्तर बढ़ने से धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर गिर जाता है। सांस लेते वक्त इन कणों को रोक पाना मुश्किल होता है।

क्यों बढ़ता है पीएम-10 और 2.5

पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन, कूड़ा और फसल अवशेष जलाने से ज्यादा बढ़ता है। कितना होना चाहिए पीएम-10 और 2.5

पीएम-10 सामान्यत: 100 माइक्रो ग्राम क्यूसिक मीटर होना चाहिए।

पीएम-2.5 60 एमजीएसएम होता है।


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