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ट्रेनिंग से करेंगे तकनीक की खोट पर चोट

ट्रेनिंग से करेंगे तकनीक की खोट पर चोट विजय गाहल्याण पानीपत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में हमारे पदक बढ़ें। विदेशी खिलाड़ियों को हम टक्कर दे सकें। खेलों में तकनीक में खोट के कारण चोट लगने के कारणों को दूर कर सकें। इसके लिए खेल और युवा कार्यक्रम विभाग ने एथलेटिक्स के 50 हॉकी के 21 और फेंसिग के 10 कोचों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 08:39 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 08:39 AM (IST)
ट्रेनिंग से करेंगे तकनीक की खोट पर चोट

विजय गाहल्याण, पानीपत: राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों में हमारे पदक बढ़ें। विदेशी खिलाड़ियों को हम टक्कर दे सकें। खेलों में तकनीक में खोट के कारण चोट लगने के कारणों को दूर कर सकें। इसके लिए खेल और युवा कार्यक्रम विभाग ने एथलेटिक्स के 50, हॉकी के 21 और फेंसिग के 10 कोचों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने का निर्णय लिया है। इन कोचों को पटियाला स्थित नेताजी सुभाष खेल संस्थान में 14 दिन के कोर्स के लिए भेजा है। ये कोर्स 6 जनवरी से शुरू हो हुआ है और 18 जनवरी तक चलेगा। वहां पर उन्हें अंतरराष्ट्रीय कोच खेल की नई तकनीक और नियमों से अवगत करा रहे हैं। खिलाड़ियों को चोट से बचाने और चोट लगने पर उनका किस तरह से इलाज कराया जाए। इस बारे में जानकारी दी जा रही है। दूसरे चरण में 10 से 22 फरवरी तक कोच ट्रेनिग लेंगे। इन्हें दी जा रही है ट्रेनिग

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एथलेटिक्स कोच पानीपत से महीपाल गौड़, बंसीलाल, बिजेंद्र सिंह, भिवानी से प्रीतम सिंह, बस्तीरन, राजेश कुमार, अरूण कांत, विनोद कुमार, चरखी दादरी के बिजेंद्र कुमार, फरीदाबाद से अनीता भाटिया, धर्मेंद्र, मनोज कुमार, सूबे सिंह और सुंदर लाल ट्रेनिग ले रहे हैं। फेंसिग में पानीपत से नरेंद्र लठवाल, अंबाला से विकास, फरीदाबाद से कपिल, कुरुक्षेत्र से हरप्रीत सिंह, रेवाड़ी से राजपाल यादव और यमुनानगर से मनीष सिंह तकनीक सीख रहे हैं। ट्रेनिग लेकर कोच खिलाड़ियों की तकनीक में सुधार कराएंगे

जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि ट्रेनिग प्राप्त कोच खिलाड़ियों की तकनीक में सुधार करा पाएंगे। इसका फायदा खिलाड़ियों को होगा और वे ज्यादा पदक जीतेंगे। कोचों भी नए नियमों से वाकिफ होंगे। इससे उनका भी आत्मविश्वास बढ़ेगा।

चोटिल होने से बचेंगे एथलीट

भारत खेल प्राधिकरण के सेवानिवृत्त कोच ओमप्रकाश सिमांहर बताते हैं कि ज्यातार एथलीट गलत तकनीक से अभ्यास करने से घायल हो जाते हैं। सही से इलाज न हो तो उनका खेल तक छूट जाता है। कोर्स प्राप्त कोच खिलाड़ियों को सही तकनीक बता पाएंगे। इससे खिलाड़ी चोटिल होने से बच सकेंगे।


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