चैटिंग करते हुए बनाया ग्रुप, अब 100वें रक्तदान शिविर की तैयारी
वाट्सएप और फेसबुक पर चैट करते हुए चार-पांच युवकों ने वर्ष 2015 में सोशल मीडिया का समाज हित में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। वक्त दे-रक्त दे रक्तदान सेवा सोसाइटी का गठन हुआ।
पानीपत, जेएनएन। वाट्सएप और फेसबुक पर चैट करते हुए चार-पांच युवकों ने वर्ष 2015 में सोशल मीडिया का समाज हित में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।वक्त दे-रक्त दे रक्तदान सेवा सोसाइटी का गठन हुआ। पौने पांच साल के सफर में सोसाइटी अब देवी मंदिर में 100वां रक्तदान शिविर लगाने की तैयारी में है।
स्काईलॉर्क में पत्रकार वार्ता में सोसाइटी सदस्य मुनीष भारद्वाज और देव छौक्कर ने संयुक्त रूप से बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और होली पर्व पर लगने वाले शिविर में 500 यूनिट ब्लड एकत्र करने का लक्ष्य है। करीब 25 युवतियां रक्तदान करने को उत्सुक हैं, इनमें 10 पहले से डोनर हैं। दिल्ली के एम्स, जीटीबी अस्पताल स्थित ब्लड बैंक, रेडक्रॉस पानीपत और जन-जागरण समिति की टीम यूनिट एकत्र करने पहुंचेगी। अब तक लगे शिविरों में करीब 15 हजार यूनिट रक्त डोनेट करा चुके हैं।
सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि बोन मैरो रजिस्ट्रेशन ड्राइव भी चलाया जाएगा। समालखा विधायक धर्म ¨सह छोक्कर मुख्य अतिथि होंगे। अब तक 15 डोनर बोन मैरो दान कर चुके हैं, 500 से अधिक ने रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। इस मौके पर अमरजीत नैन, संदीप बैरागी, दिनेश ¨सगला और अमित भारद्वाज मौजूद रहे।
ग्रुप में नहीं होती अनावश्यक चैटिंग
सोसाइटी के वॉट्सएप-फेसबुक ग्रुप की विशेषता यह कि अनावश्यक चैटिंग नहीं होती। ग्रुप से जुड़ा कोई सदस्य रक्तदान या रक्त चाहिए संबंधी मैसेज ही ग्रुप में शेयर करता है। ग्रुप की कोर कमेटी का हरियाणा के अलावा अन्य प्रदेशों के ग्रुप से भी तालमेल है। रक्त चाहिए का मैसेज मिलते ही सबसे नजदीकी संस्था को भेजा जाता है।