अंबाला में बढ़ रहा हादसों का ग्राफ, लापरवाही और सड़कों की दुर्दशा लील रही जिंदगियां
यातायात पुलिस आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जनवरी से अक्टूबर माह तक कुल 352 सड़क हादसे हुए। इनमें 283 घायल और 181 जान गवां चुके हैं। सभी के लिए सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करना आवश्यक है। मगर इनका बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला में लगातार सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। नशा, रफ्तार, ओवरलोडेड वाहन, ट्रैक्टर ट्रॉली, सड़क में खामी, खराब ट्रैफिक सिग्नल, सड़क पर गलत पार्किंग के पीछे प्रशासन की ढील, लापरवाही और सड़कों की दुर्दशा दर्दनाक हादसे का कारण बन रही हैं। इसी लाचारी के चलते कई मासूम जिंदगियां खत्म हो रही हैं।
यातायात पुलिस आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जनवरी से अक्टूबर माह तक कुल 352 सड़क हादसे हुए। इनमें 283 घायल और 181 जान गंवा चुके हैं। हालांकि यातायात के चलते सभी के लिए सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करना आवश्यक है। मगर इनका बिल्कुल भी पालन नहीं हो रहा। फिर चाहे बात जिला मुख्यालय की हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों की, या चौबीस घंटे व्यस्त रहने वाले जीटी रोड की, कहीं भी यातायात नियमों का पालन करते नहीं देखा जाता।
कई सड़कें उबड़-खाबड़
इतना ही नहीं खस्ताहाल सड़क भी बड़े हादसों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ती। हालांकि सिटी की मेन रोड सही मगर शहर के अंदर से गुजरने वाली कई सड़कें उबड़-खाबड़ रहने से सड़क हादसे का कारण बन रहे हैं। अंबाला शहर के रेलवे रोड जोकि काफी व्यस्तता रोड है। यहां सड़क के गड्ढों पर बजरी का पेचवर्क करने की बजाय ईंटों के टूटों से भर दिया गया जो हादसे का कारण भी है। इस कारण वहां वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।
तीखे मोड़ के कारण नहीं दिखते वाहन
कई मुख्य मार्ग पर जगह-जगह तीखे मोड़ हैं, जहां एक ओर के वाहन चालकों को दूसरी ओर से आने वाली गाड़ियां दिखाई नहीं पड़ती। इससे वाहनों में टक्कर हो जाती है। जिसका खामियाजा वाहन चालक को बड़े पैमाने पर भुगतना पड़ता है। हैरत की बात है रोड सेफ्टी की मीटिंग में भी सड़क सुरक्षा को सुरक्षित रखने का दावा किया जााता है मगर हकीकत में कुछ और ही सामने आता है।