राजकीय स्कूलों को मिलेगी सीबीएसई से मान्यता
43 प्राइमरी स्कूलों को राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल में बदला जाएगा। स्मार्ट क्लास रूम की सुविधा होगी। इन स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से दूसरी व तीसरी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शिक्षा को कोविड-19 महामारी ने प्रभावित किया है। वर्ष 2021 में न केवल खंड स्तर पर बने आधा दर्जन राजकीय माडल संस्कृति स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता मिलेगी, बल्कि अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा भी होगी। दूसरी ओर 43 प्राइमरी स्कूलों को राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल में बदला जाएगा। स्मार्ट क्लास रूम की सुविधा होगी। इन स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र से दूसरी व तीसरी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी। हिदी माध्यम के विद्यार्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों से केवल 200 रुपये प्रतिमाह फीस ली जाएगी। ये फीस भी स्कूल के विकास पर ही खर्च होगी। गांवों में 24 घंटे बिजली
म्हारा गांव, जगमग गांव योजना में 81 फीडरों से जुड़े 190 गांव शामिल किए गए हैं। इनमें से 49 फीडरों से जुड़े 114 गांवों में योजना पर काम पूरा हो चुका है। फिलहाल 28 फीडरों से जुड़े 62 गांव में 24 घंटे बिजली सप्लाई शुरू हो चुकी है। इसके अलावा 52 गांवों में काम पूरा हो चुका है। 32 फीडरों से जुड़े 76 गांवों में अभी काम चल रहा है। नए साल में उक्त गांवों में काम पूरा होने के साथ 24 घंटे बिजली सप्लाई शुरू होगी। दूसरी ओर ओवरलोडिग को खत्म करने के लिए दर्जनों फीडरों को भी विभाजित किया जाएगा। मीटर रिचार्ज होगा, तभी बिजली आएगी
बिजली सिस्टम को हाईटेक बनाने का काम चल रहा है। हाल में शहर के मॉडल टाउन में स्मार्ट मीटर लगाने का काम जोरों पर है। कई सेक्टर में ये मीटर लग भी चुके हैं। नए साल में पूरे शहर में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। उक्त मीटर लगने के बाद उपभोक्ता के पास पोस्टपेड व प्रीपेड दोनों तरह के विकल्प होंगे। वहीं विभाग की रीडिग संबंधित समस्या भी खत्म होगी। कर्मचारी कार्यालय में बैठकर ही रीडिग जान सकेंगे।
नई अनाजमंडी में खर्च एक होंगे एक करोड़
पानीपत की नई अनाज मंडी प्रदेश की बड़ी मंडियों में गिनी जाती है। जहां गेहूं व धान की लाखों क्विंटल खरीद होती है। मंडी में पानीपत के अलावा सोनीपत ही नहीं, बल्कि पास लगते उप्र के जिलों से भी किसान अपनी फसल लेकर आते हैं। नए साल पर मंडी में सुरक्षा के लिहाज से चहारदिवारी, पानी निकासी के लिए नालों के निर्माण के साथ अलग-अलग जगहों पर चार गेट लगाए जाएंगे। इस पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च होंगे।