Move to Jagran APP

अंबाला में 7 वर्ष में हर साल सुधरा लिंग अनुपात, वर्ष 2020 में 960 तक पहुंचा

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान की पहल हरियाणा में सार्थक होती दिख रही है। हरियाणा के अंबाला में लगातार लिंगानुपात की हालात सुधर रहे हैं। अब लोगों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के प्रति जागरूकता का असर दिख रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 03:33 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 03:33 PM (IST)
अंबाला में 7 वर्ष में हर साल सुधरा लिंग अनुपात, वर्ष 2020 में 960 तक पहुंचा
हरियाणा के अंबाला में लिंगानुपात में सुधार।

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में सात वर्ष में हर साल लिंग अनुपात में सुधार हो रहा है। वर्ष 2014 में 865 था, जो वर्ष 2020 में 960 तक पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग के नियमित प्रयास से लिंग अनुपात में बेटियों का ग्राफ उठता जा रहा है। अंबाला की स्वास्थ्य विभाग की टीम लिंग जांच करने वालों पर दूसरे राज्य में भी छापेमारी करती है। इसका नतीजा है कि जिला लिंग अनुपात में बेहतर हो गया है।

loksabha election banner

मालूम हो कि अंबाला में स्वास्थ्य विभाग लिंग जांच करने वालों पर गोपनीय कार्रवाई करता है। यहां तक कि दूसरे राज्य में स्वास्थ्य विभाग की टीम लिंग जांच करने वालों पर छापेमारी करने के लिए जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग लिंग जांच करने वालों की नियमित निगरानी करती है। वहीं गोपीनय तरीके से लिंग जांच करने पर सीधे रंगे हाथो दबोच रही है। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लोगों को बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं के प्रति जागरुक किया जाता है। इसमें लोगों को समझाया जाता है कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है। बेटी भी देश का नाम रोशन करने में अहम भूमिका निभा रही है।

इसलिए स्वास्थ्य विभाग के कठिन प्रयास से लिंग अनुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। अंबाला में वर्ष 2014 में लिंग अनुपात 865 पहुंच गया था। लेकिन अब हर साल लिंग अनुपात में बेटियों का ग्राफ बढ़ा है। वर्ष 2020 में लिंग अनुपात 960 तक पहुंच गया है। विभाग की माने जिले में लोगों की बेटियों के प्रति सोच में भी बदलाव आया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग हर साल एक गांव का चयन करता है। जिसमें लिंग अनुपात टाप पर रहता है। यहां पर इंटरमीडिएट व हाईस्कूल में प्रथम, द्वितीय और तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले बेटियों को नकद राशि देकर सम्मानित किया जाता है।

जिले का लिंग अनुपात

वर्ष 2014-865

वर्ष 2015-874

वर्ष 2016-912

वर्ष 2017-925

वर्ष 2018-916

वर्ष 2019-959

वर्ष 2020- 960

'स्वास्थ्य विभाग लिंग जांच करने वालों पर नियमित छापेमारी करता है। वहीं सीएचसी व पीएचसी पर भी लोगों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के प्रति जागरुक किया जाता है। विभाग के प्रयास से ही लिंग अनुपात में सुधार हुआ है।

डा. बलविंदर कौर, डिप्टी सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.