सोना कारोबारी ने दागे हवाई फायर, फिर वीडियो की अपलोड, फंसे तो बोले-वीडियो पुराना है
सुरक्षा के लिए मिले असले से दागे थे दो हवाई फायर स्टेटस पर अपलोड की वीडियो। पुलिस ने नहीं लगाई आर्म्स एक्ट की धारा 30 6 माह तक की हो सकती है सजा
पानीपत, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान सोना कारोबारी और संयुक्त व्यापार मंडल सेवा समिति के प्रधान राजेश सूरी के दोनाली (डोगा) से किए दो कथित हवाई फायर करने का मामला करनाल रेंज के आला अधिकारियों के कानों तक पहुंच चुका है। वाट््सएप पर वायरल हुए वीडियो के आधार पर धारा 188, 285 के तहत एफआइआर दर्ज कर ली है। इसमें आम्र्स एक्ट की धारा 30 को नहीं जोड़ा गया है।
बेवजह हवाई फायरिंग के मामलों में पुलिस इस धारा के तहत केस दर्ज करती है। लाइसेंस सस्पेंड निरस्त होने के साथ-साथ 6 माह की कैद और 2500 रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। गौरतलब है कि रविवार की रात नौ बजे घर के बाहर दीये जलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया था। उसी रात को कई लोगों ने पटाखे भी फोड़े। इसी दौरान, राजेश सूरी का एक वीडियो वायरल हुआ। सोशल मीडिया पर बताया गया कि ये वीडियो उसी रात का है। वहीं, सूरी इस वीडियो को दो वर्ष पुराना बता रहे हैं।
अब सिफारिश की दौड़
अधिकारियों ने कानूनी धाराओं की जानकारी होने के बावजूद भी कारोबारी द्वारा लॉकडाउन में हवाई फायर करना बिल्कुल गलत ठहराया। कारोबारी का आम्र्स लाइसेंस रद हो सकता है। इसे बचाने के लिए अब सोना कारोबारी राजेश सूरी मंत्रियों तक की सिफारिशें लगवा रहे हैं।
बेटी ने गलत वीडियो अपलोड किया
राजेश सूरी का कहना है कि लॉकडाउन के दिनों में वह जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रहे हैं। उस रात भी वह समाजसेवा के लिए घर से बाहर गए हुए थे। यह वीडियो दो वर्ष पुराना है। उनकी बेटी ने गलती से अपलोड कर दिया। जैसे ही गलती का आभास हुआ, उसी समय इसे हटा दिया।
प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार, रद्द होना चाहिए लाइसेंस
सरकार आम्र्स लाइसेंस अपनी और प्रॉपर्टी की हिफाजत करने के लिए जारी करती है। कुछ रसूखदार लोग शादी और अन्य किसी खुशी के माहौल में हवाई फायर करके इसका दुरुपयोग करते हैं।
मामले पर टिप्पणी से बच रहे बाजार प्रधान
बाजार प्रधान अनिल मदान से बातचीत की गई तो उन्होंने इस बारे कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। वहीं दूसरी ओर सुशील भराड़ा ने कहा कि प्रधान राजेश सूरी बच्ची द्वारा पुरानी वीडियो अपलोड किए जाने का दावा कर रहे हैे। हालांकि कई बार बड़ों से भी गलती हो जाती है।
सूरी ने जागरण से कहा
संयुक्त व्यापार मंडल के प्रधान राजेश सूरी का कहना है कि यह वीडियो पुराना था। प्रशासन को जो सही लगा, उसने किया। जांच के दौरान सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी।
---आरोपित सोना कारोबारी राजेश सूरी की तलाश जारी है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
--कमलजीत, सेक्टर 13-17 थाना प्रभारी
इस धारा में केस दर्ज, छह महीने तक हो सकती है सजा
1897 के महामारी कानून के सेक्शन 3 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसे आइपीसी की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 285 के अनुसार, जो कोई अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ से कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा जिससे मानव जीवन संकटग्रस्त हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को चोट या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो। छह महीने कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों हो सकते हैं। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।