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गीता जयंती महोत्‍सव, बंदियों को मानवता की राह पर लाने को जेलों में किया गीता यज्ञ और पाठ

कुरुक्षेत्र जेल में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के प्रयासों से हुआ हवन और गीता पाठ। कथावाचक डा. संजीव कुमार ठाकुर ने मंत्रोच्चारण के बीच किया गीता यज्ञ। जेल अधीक्षक सोमनाथ जगत सहित अन्य गणमान्य लोगों ने डाली गीता यज्ञ में आहुति।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 11:33 AM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 11:33 AM (IST)
गीता जयंती महोत्‍सव, बंदियों को मानवता की राह पर लाने को जेलों में किया गीता यज्ञ और पाठ
जिला जेल में जिओ गीता की ओर से गीता पाठ व यज्ञ करने पहुंचे कथावाचक डा. संजीव कुमार ठाकुर।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। प्रदेश की सभी जेलों में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर गीता यज्ञ और पाठ का आयोजन हुआ। इन जेलों में बंद बंदियों को मानवता की राह पर लाने और सकारात्मक सोच के साथ जीवन में अच्छे कार्य करने के उद्देश्य से ही जेलों में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों का ज्ञान देने का प्रयास किया गया है। यह प्रयास निश्चित ही सार्थक होंगे और सभी लोग अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को धारण करेंगे।

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गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के आह्वान पर जेलों में जीओ गीता की तरफ से गीता यज्ञ और गीता पाठ हुआ। जिला जेल कुरुक्षेत्र में कथावाचक डा. संजीव कुमार ठाकुर, पूर्व गृह सचिव उत्तर प्रदेश मनी प्रसाद, सेवानिवृत्त आइपीएस उत्तर प्रदेश से शिभू भाई की अध्यक्षता में इस आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यज्ञ में गीता श्लोकोच्चारण के साथ आहुतियां डाली गईं और धार्मिक प्रवचन का भी आयोजन किया गया। कथावाचक डा. संजीव कुमार ठाकुर व मनी प्रसाद मिश्र ने श्रीमद्भगवद गीता के ज्ञान के बारे में बंदियों को जागरूक किया और सभी बंदियों से आह्वान किया कि सभी को सकारात्मक सोच के साथ जीवन में अच्छे कर्मों की पहल करनी चाहिए।

हर वर्ष जेलों में गीता जयंती पर होगा गीता पाठ व यज्ञ

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि जीओ गीता की तरफ से हर वर्ष जेलों में गीता जयंती को लेकर गीता पाठ और यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों से सभी में सकारात्मक सोच पैदा होती है। सभी को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है कि जो व्यक्ति पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपने जीवन में धारण करेगा, वह निश्चित ही एक मुकाम हासिल करेगा और जीवन में कभी भी दुखी नहीं होता। इस पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों में जीवन जीने का सार है और सभी समस्याओं का समाधान है, इसलिए सभी को अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को धारण करना चाहिए।


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